विषयसूची
रोहतास जिले का सम्पूर्ण इतिहास:
प्राचीन इतिहास
मध्यकालीन इतिहास
ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम
आधुनिक काल और रोहतास का महत्व
प्रमुख ऐतिहासिक स्थल:
रोहतास जिले के प्रमुख शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय
रोहतास जिले के प्रमुख उद्योग:
History of Rohtas: रोहतास बिहार का एक जिला है और यह 10 नवंबर 1972 में शाहाबाद जिले के विभाजन के बाद अस्तित्व में आया।रोहतास जिला का इतिहास अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली रहा है। यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही सभ्यता, संस्कृति और ऐतिहासिक घटनाओं का केंद्र रहा है। वर्तमान काल में रोहतास जिले की साक्षरता दर सबसे अधिक बताई जाती है और रोहतास जिला के अंतर्गत तीन अनुमंडल पड़ते हैं जिनमें सासाराम, डेहरी ऑन सोन और बिक्रमगंज आते हैं। वही रोहतास पटना प्रमंडल में आता है और इसका मुख्यालय सासाराम है।
History of Rohtas: सम्पूर्ण इतिहास
प्राचीन इतिहास
रोहतास का संबंध प्राचीन मगध साम्राज्य से जुड़ा है। यह क्षेत्र महाभारत काल में भी उल्लेखित है और इसे राजा सत्यहरिश्चंद्र से जोड़ा जाता है। यह मौर्य, गुप्त, सूर और पाल वंश के शासन का भी हिस्सा रहा है।
- मौर्य काल (321-185 ईसा पूर्व): सम्राट अशोक के शासनकाल में रोहतास महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र था।
- गुप्त वंश (319-550 ई.): इस काल में रोहतास क्षेत्र शिक्षा और संस्कृति का केंद्र बना। इस समय में शिक्षा के क्षेत्र में इसने अभूतपूर्व उन्नति की |
History of Rohtas: मध्यकालीन इतिहास
मध्यकाल में यह क्षेत्र मुगल, अफगान और अन्य राजवंशों के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण बन गया।
- शेरशाह सूरी (1540-1545 ई.): शेरशाह सूरी ने रोहतासगढ़ किले का विस्तार किया और इसे प्रशासनिक केंद्र बनाया। रोहतास जिले के सासाराम में शेरशाह सूरी का मकबरा है जो कि पर्यटन स्थल बना हुआ है|
- मुगल शासन: अकबर के शासनकाल में यह क्षेत्र मुगलों के अधीन आ गया, और यहां उनकी सेनाएं तैनात रहीं।
- राजपूत शासन: बाद में रोहतास क्षेत्र पर विभिन्न राजपूत शासकों ने नियंत्रण किया।
ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम
History of Rohtas: अंग्रेजों के शासनकाल में रोहतास का क्षेत्र क्रांतिकारियों की गतिविधियों का केंद्र बन गया। 1857 की क्रांति में यहां के स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।
- महात्मा गांधी का प्रभाव: चंपारण आंदोलन के समय गांधीजी ने इस क्षेत्र में भी जागरूकता फैलाई।
- क्रांतिकारियों की भूमिका: रोहतास के स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया और स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
आधुनिक काल और रोहतास का महत्व

स्वतंत्रता के बाद रोहतास जिला बिहार के औद्योगिक और सांस्कृतिक विकास का केंद्र बना। यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक किलों, धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
- रोहतासगढ़ किला – भारत के सबसे मजबूत और प्रसिद्ध किलों में से एक है ।
- तारा चंडी मंदिर – एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और यह पहाड़ों पर स्थित मंदिर है यहां माता का मंदिर बना हुआ है जिसके दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करते हैं।
- गुप्तेश्वर नाथ मंदिर – भगवान शिव को समर्पित गुफा मंदिर है जो बहुत प्रसिद्ध है।
- कैमूर की पहाड़ियाँ – प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है यह पहाड़ियों और इसी के बीच माता तारा देवी मंदिर स्थापित है।
- शेरशाह सूरी का मकबरा या रौजा – यह सासाराम जिले में स्थित है और इसे शेरशाह सूरी ने बनवाया था। यह रोहतास जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां दूर-दूर से पर्यटक इसे देखने के लिए आते हैं और स्थानीय लोग इसे रौजा के नाम से भी संबोधित करते हैं। इस मकबरा के दोनों बगल में तालाब है जिसमें लोग वोटिंग का मजा लेते हैं और रास्ते की दोनों साइड उद्यान है जो देखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं।
रोहतास जिले के प्रमुख शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय
रोहतास जिला, बिहार, शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहा है। रोहतास जिले के कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय निम्नलिखित है :
- गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय (GNSU): यह राज्य का एक निजी विश्वविद्यालय है, जो जमुहार गाँव में स्थित है। इसकी स्थापना 15 जून 2018 को हुई थी। विश्वविद्यालय में विभिन्न संकाय और विभाग हैं, जैसे कि कानून, वाणिज्य, जनसंचार और पत्रकारिता, और पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान। इसके परिसर में नारायण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, नारायण नर्सिंग कॉलेज, और नारायण पैरामेडिकल संस्थान शामिल हैं।
- वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की विस्तार शाखा: सासाराम के शांति प्रसाद जैन महाविद्यालय में स्थित यह शाखा, रोहतास और कैमूर जिलों के छात्रों और शिक्षकों के लिए लाभदायक है। इसकी स्थापना 2018 में हुई थी।
- अशोक कुमार जैन हाई स्कूल, दरिहट: 1947 में स्थापित यह सरकारी हाई स्कूल, दरिहट गाँव में स्थित है। यह विद्यालय 8वीं से 10वीं कक्षा तक की शिक्षा प्रदान करता है और बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड से संबद्ध है।
इन संस्थानों के माध्यम से, रोहतास जिला उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
रोहतास जिले के प्रमुख उद्योग:
सीमेंट और खनन उद्योग रोहतास जिले का प्रमुख उद्योग है क्योंकि यहां कैमूर की पहाड़ियां है. रोहतास जिला अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। इसका गौरवशाली अतीत इसे बिहार के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में से एक बनाता है। कैमूर की पहाड़ियों से घिरा यह जिला स्थल और पत्थर दोनों की अनुभूति कराता है और पर्यटकों के लिए बेहतर आकर्षण का केंद्र भी है।
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