Friday, October 10, 2025
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History of Balrampur: अतीत की कहानियों से वर्तमान की पहचान…

History of Balrampur

History of Balrampur: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले का इतिहास समृद्ध और रोचक है, जो प्राचीन भारत के गौरवशाली अतीत से जुड़ा हुआ है। यहाँ का इतिहास धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। यह राप्ती नदी के किनारे स्थित है खासकर ये जिला बुद्ध से प्रेरित होकर उंगलीमाल के आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए जाना जाता है।

History of Balrampur का ऐतिहासिक परिचय

  1. प्राचीन काल में श्रावस्ती
    बलरामपुर ज़िले में स्थित श्रावस्ती एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। यह प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक कोशल राज्य की राजधानी थी। भगवान बुद्ध ने यहाँ कई वर्ष वर्षावास (चातुर्मास) किया था और बहुत से उपदेश दिए थे। जेतवन विहार यहाँ स्थित है, जहाँ भगवान बुद्ध ने सबसे ज़्यादा समय वयतीत किये थे.
  2. मौर्य और गुप्त काल:
    श्रावस्ती ने मौर्य और गुप्त शासनकाल में भी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता बनाए रखी। इस समय में यहाँ बौद्ध धर्म का बहुत विकास हुआ और कई विहार व स्तूपों का निर्माण हुआ।
  3. मध्यकाल और मुग़ल काल:
    इस क्षेत्र की धार्मिक महत्ता के कारण यहाँ पर मुसलमान शासकों का भी प्रभाव रहा, परंतु बौद्ध और हिन्दू सांस्कृतिक विरासत बनी रही।
  4. ब्रिटिश काल में बलरामपुर रियासत:
    • ब्रिटिश काल में बलरामपुर एक स्वतंत्र रियासत थी। बलरामपुर स्टेट की स्थापना राजा बलभद्र सिंह ने की थी। वही यहां के राजा दिग्विजय सिंह को 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों की वफादारी करने के लिए पुरस्कृत भी किया गया था। यहाँ के शासक शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के संरक्षक रहे।
    • बलरामपुर के राजाओं ने कई मंदिर, स्कूल, अस्पताल बनवाए।
  5. आधुनिक काल:
    • 1950 के बाद बलरामपुर को स्वतंत्र भारत का हिस्सा बनाया गया।
    • 1997 में इसे गोंडा जिले से अलग कर एक स्वतंत्र ज़िला घोषित किया गया।

Famous Tourist Place of Balrampur

देवीपाटन मंदिर, तुलसीपुर
Devipatan Temple, Tulsipur Balrampur

यह मंदिर बलरामपुर से करीब 51 किलोमीटर दूर है और तुलसीपुर में स्थित है बताया जाता है कि यहां 51 शक्ति पीठ हो में से एक है जहां माता सती का दाहिना कंधा गिरा था| दूसरी और यहां पर एक सूर्यकुंड है जिसके बारे में यह कहा जाता है कि इसमें कर्ण ने स्नान किया था।

शिवगढ़ धाम, पचपेड़वा
Shivgarh Dham, Pachpedwa Balrampur

इस जगह पर स्थित मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना है और यहां प्राकृतिक शिवलिंग की पूजा होती है।

बिजलीपुर मंदिर
Bijlipur Temple Balrampur

यह मंदिर अपनी रहस्यमई अनुभूति के लिए जाना जाता है और इसलिए ही प्रसिद्ध है।

रामजानकी मंदिर, कंदरी गांव
Ram Janaki Temple, Kandri Village Balrampur

यह मंदिर भगवान राम और माता सीता समर्पित मंदिर है और बताया जाता है कि यह इस गांव की ही राजा ने बनवाया था।

देवपुरा शिव मंदिर
Devpura Shiv Temple Balrampur

यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है और बलरामपुर में काफी प्रसिद्ध है जहां हमेशा भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।

    बलरामपुर में और भी कई दर्शनीय स्थल है जिनमें श्रावस्ती (जेतवन, अंगुलिमाल स्तूप, अनाथपिंडिक का स्तूप), बलरामपुर रियासत का किला,तुलसी स्मारक,राजा देवी बख्श सिंह का स्मारक प्रसिद्ध है।

    प्रमुख उद्योग धंधे और कृषि

    कृषि

    बलरामपुर की मिट्टी किसी के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है और यहां कई तरह की फैसले उगाई जाती हैं जिनमें जिले की प्रमुख फसलें हैं:

    • मसूर दाल: क्या मसूर दाल का उत्पादन बहुतायत में होता है।
    • धान (तिन्नी चावल): यहां तिन्नी के चावल की बहुत मांग है और यहां से विदेश में भी इसका निर्यात होता है।
    • केला और गेंदा फूल: यहां अच्छे नस्ल के किले और गेंदे के कई फूलों के किस्म की खेती होती है जिसका देश के साथ बाहर भी निर्यात होता है।
    • गन्ना: गाना भी इस जिले की प्रमुख फसल है।
    • उद्योग
    • मसूर दाल प्रसंस्करण: यहां मसूर दाल बहुतायात में होता है और इसलिए इसकी दुकान बहुत है और इसका निर्यात भी होता है।
    • चीनी मिलें: यह जिला गन्ना उत्पादन में गिना जाता है इसलिए यहां बहुत सारी चीनी मिले भी स्थापित है।
    • गेंदा और केला प्रसंस्करण: गिनती और केले के कई किस्म यहां हो जाए जाती है और उसका निर्यात भी बाहर और देश के भीतर होता है।

    जनसांख्यिकी (Demography)

    जनसंख्या (2011 जनगणना के अनुसार-

    • कुल जनसंख्या: बलरामपुर जिले की कुल जनसंख्या 21 लाख 48 हजार 796 है।
    • क्षेत्रफल: इसका क्षेत्रफल 3349 वर्ग किलोमीटर है।
    • जनसंख्या घनत्व: जनसंख्या घनत्व 6200 व्यक्ति पति वर्ग किलोमीटर है।
    👥 लिंगानुपात
    • लिंगानुपात: 1000 पुरुष पर 928 महिलाएं हैं।
    साक्षरता दर
    • कुल साक्षरता दर: यहां की कुल साक्षरता दर 49.51% है।
    ग्राम पंचायतें
    • 801

    बलरामपुर ज़िले प्रमुख खान पान

    बलरामपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और इसकी सांस्कृतिक विरासत अवधी संस्कृति से जुड़ी हुई है। यहां का खानपान भी इसी परंपरा को दर्शाता है। बलरामपुर के प्रमुख खानपान में निम्नलिखित शामिल हैं:

    दाल-बाटी और चोखा

    बलरामपुर में यह पारंपरिक व्यंजन काफी लोकप्रिय है। चोखा में भुना हुआ बैगन, आलू या टमाटर होता है और बाटी गेहूं के आटे की गोलियां होती हैं जिन्हें घी में डुबोकर परोसा जाता है।

    पुरी-सब्ज़ी

    यह आमतौर पर नाश्ते या त्योहारों में खाया जाने वाला भोजन है। पूरी के साथ आलू-टमाटर की मसालेदार सब्ज़ी या कद्दू की सब्ज़ी मिलती है।

    तहरी (मसाला चावल)

    बलरामपुर में तहरी एक लोकप्रिय व्यंजन है जिसमें चावल, आलू, मटर और मसालों का प्रयोग होता है। इसे अक्सर दही या अचार के साथ खाया जाता है।

    खिचड़ी और घी

    विशेषकर मकर संक्रांति जैसे पर्वों पर अरहर की दाल और चावल से बनी खिचड़ी को घी, पापड़, अचार और चटनी के साथ खाया जाता है।

    मिठाइयाँ
    • पेड़ा और बूँदी के लड्डू — बलरामपुर की मिठाइयाँ भी प्रसिद्ध हैं, खासकर मेलों और त्योहारों में।
    • खोया से बनी मिठाइयाँ — जैसे बर्फी, कलाकंद आदि।
    स्थानीय नाश्त
    • समोसा, कचौरी और जलेबी – ये बाजारों में आमतौर पर मिलते हैं और लोग सुबह या शाम की चाय के साथ इन्हें पसंद करते हैं।
    • घुगनी (चना की सब्जी) – यह भी चावल या समोसे के साथ खाई जाती है।
    • इस तरह बलरामपुर जिला उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है।

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    Raushan Singh
    Raushan Singhhttp://thesamastipur.in
    I am a passionate blogger from Samastipur, Bihar. Since childhood, I had a desire to do something for my village, society and country, which I am trying to fulfill through "The Samastipur" platform. Please give your blessings to help roar.
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