विषयसूची
अररिया जिले का सम्पूर्ण इतिहास
नाम की उत्पत्ति
प्राचीन इतिहास
भूगोल और अर्थव्यवस्था
जोगबनी
फुलकाहा मंदिर
मदनपुर हाट
कुशमाहा शिव मंदिर
महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह की कोठी (सिकटी)
रमपुरवा महादेव मंदिर
परवाहा झील
खड़ेश्वर काली मंदिर
जाने अररिया जिले के बारे में कुछ खास बातें:
अंतिम-
अररिया जिले का सम्पूर्ण इतिहास (History of Araria)
History of Araria अररिया जिला बिहार राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है, 1990 में पूर्णिया जिले से अलग हुआ और जो 14 जनवरी 1990 को एक स्वतंत्र जिला बना। यह बहुत बड़ा जिला तो नहीं है लेकिन इसकी उत्तरी सीमा नेपाल से टच करती है इसलिए अररिया जिला आधुनिक युग में जाना माना जिला बन गया है। हालांकि यह अभी भी पूर्णिया प्रमंडल में आता है लेकिन इसका मुख्यालय अररिया ही है।
नाम की उत्पत्ति
ऐसा माना जाता है कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान, इस क्षेत्र में ब्रिटिश अधिकारी एलेक्ज़ेंडर जॉन फोर्ब्स का बंगला स्थित था। इस स्थान को “रेज़िडेंशियल एरिया” कहा जाता था, जिसे संक्षेप में “आर एरिया” कहा गया। समय के साथ, यह उच्चारण बदलकर “अररिया” हो गया। और तभी से अररिया नाम से ही प्रसिद्ध है।
History of Araria प्राचीन इतिहास
हालांकि अररिया का कोई पुराना इतिहास नहीं है लेकिन प्राचीन काल में, यह क्षेत्र किरात, पुंड्र और अंग जनजातियों के सांस्कृतिक संगम का स्थल था।
भूगोल और अर्थव्यवस्था
अररिया जिले का क्षेत्रफल 2,830 वर्ग किलोमीटर है। यहां की प्रमुख नदियाँ कोसी, सुवाड़ा, काली, परमार और कोली हैं। जिले की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर निर्भर है, जहां धान, मक्का और जूट मुख्य फसलें हैं।
History of Araria जो बिहार राज्य में स्थित है, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर है। यहाँ कुछ प्रमुख दार्शनिक स्थल निम्नलिखित हैं–
जोगबनी
भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित यह स्थान व्यापार और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है और यह अररिया में पड़ता है। क्या भारत और नेपाल का एक तरफ से बॉर्डर कहलाता है। यहाँ से नेपाल के विराटनगर शहर तक आसानी से जाया जा सकता है।
मदनपुर हाट
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण यह स्थान खरीदारी और व्यापार के लिए जाना जाता है।
कुशमाहा शिव मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहाँ श्रद्धालु विशेष रूप से महाशिवरात्रि के अवसर पर आते हैं।
महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह की कोठी (सिकटी)
यह ऐतिहासिक धरोहर स्थल है, जो स्थानीय इतिहास और विरासत को दर्शाता है।
रमपुरवा महादेव मंदिर
यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है और स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच काफी प्रसिद्ध है।
खड़ेश्वर काली मंदिर

यह मंदिर अररिया में स्थित है और काफी पुराना माता को स्थापित मंदिर है वह इस मंदिर की काफी मानता है लोग दूर-दूर से हम मन्नत मांगने के लिए आते हैं। और विशेष तौर पर अररिया इस काली माता मंदिर के नाम से ही प्रसिद्ध है।
जाने अररिया जिले के बारे में कुछ खास बातें
2011 की जनगणना के अनुसार, अररिया जिले की जनसंख्या 28,11,569 थी, जिसमें 14,63,333 पुरुष और 13,48,236 महिलाएँ शामिल थीं। जिले का क्षेत्रफल 2,830 वर्ग किलोमीटर है, जिससे जनसंख्या घनत्व 993 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर होता है। लिंगानुपात 921 महिलाएँ प्रति 1,000 पुरुष है। कुल साक्षरता दर 53.53% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 62.30% और महिला साक्षरता दर 43.93% है। यह मुख्यतः मैथिली और भोजपुरी, क्षेत्रीय और हिंदी भाषा बोली जाती है। अररिया में अररिया महाविद्यालय है जहां स्टूडेंट शिक्षण ग्रहण करते हैं बाकी यहां कुछ ज्यादा शिक्षण संस्थान उपलब्ध नहीं है हालांकि अभी जनवरी 2025 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यहां एक मेडिकल कॉलेज और एक अस्पताल बनाने की घोषणा की है और अगर यह मेडिकल कॉलेज बना तो यह मेडिकल कॉलेज जिला का पहला मेडिकल कॉलेज होगा।
History of Araria अंतिम
इस तरह, अररिया जिले का इतिहास समृद्ध और विविधतापूर्ण है, जो प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक विभिन्न सांस्कृतिक और ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है।
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