विषयसूची
प्राचीन इतिहास
मध्यकालीन इतिहास
ब्रिटिश काल
Famous Tourist Place of Banda
प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल
श्री महेश्वरी देवी मंदिर
हनुमान जी का प्राचीन मंदिर (फतेजगंज)
ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल
कालिंजर किला
भूरागढ़ किला
नवाब टैंक
अन्य उल्लेखनीय स्थल
Famous Industries and Agriculture
कृषि क्षेत्र
प्रमुख उद्योग और हस्तशिल्प
पशुपालन और समेकित खेती
जनसांख्यिकी (Demography)
⚖️ लिंगानुपात
साक्षरता दर
स्वतंत्रता के बाद
History of Banda
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का इतिहास बहुत ही समृद्ध और रोचक है। यह क्षेत्र बुंदेलखंड के अंतर्गत आता है और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। यहां एक संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
प्राचीन इतिहास
- बांदा क्षेत्र का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है।
- यह क्षेत्र पहले चेदि, शुंग, कुषाण और गुप्त वंश के अधीन रहा है।
- प्राचीन समय में यह इलाका पर्वतों और जंगलों से घिरा हुआ था और अनेक ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है। बांदा प्राचीन काल में बाँदा जेजाकभुक्ति साम्राज्य के अधीन था और बाद में छेदी वंश के अधीन आया। प्राचीन काल में बांदा जिले को शेती देश के नाम से जाना जाता था जिसका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है।
मध्यकालीन इतिहास
- मध्यकाल में बांदा क्षेत्र पर चंदेल वंश का शासन रहा। चंदेलों ने खजुराहो और कालिंजर दुर्ग जैसे स्थापत्य चमत्कार बनाए।
- कालिंजर किला बांदा जिले के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह किला शिव की नगरी कहलाता था और यहां कई बार मुगल, मराठा और ब्रिटिश सेना का हमला हुआ।
- 1545 ई. में शेरशाह सूरी की मृत्यु भी इसी किले को जीतने की कोशिश के दौरान हुई थी।
ब्रिटिश काल
18वीं और 19वीं सदी में यह क्षेत्र अंग्रेजों के अधीन आ गया। 1857 की क्रांति में बांदा के नवाब और आम लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की। नवाब अली बहादुर द्वितीय ने विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई थी। बांदा जिला पहले ब्रिटिश काल में इलाहाबाद मंडल के अधीन था लेकिन 1998 में इसे कुछ तहसीलों को अलग करके चित्रकूट जिला बनाया गया। इसके बाद बांदा को एक स्वतंत्र ज़िला बना दिया गया।
Famous Tourist Place of Banda
बांदा जिला, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है। यहाँ कई प्रमुख पर्यटन स्थल, दर्शनीय स्थल और मंदिर हैं जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल
बाम्बेश्वर मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां अर्धनारीश्वर शिव की मूर्ति है और 11 लिंगी शिवलिंग के दर्शन यहां पर होते हैं। भक्तगण दूर-दूर से यहां दर्शन करने के लिए आते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं।
श्री महेश्वरी देवी मंदिर

यह मंदिर शहर के बीच स्थित है और देवी के शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है वही इस मंदिर में दुर्गा जी परशुराम और भगवान गणेश की ऊर्जा स्थापित है जहां जाकर दर्शन कर सकते हैं।
हनुमान मंदिर (फतेजगंज)

यह मंदिर जंगल में स्थापित है और हनुमान भक्त यहां दर्शन करने आते हैं ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की मूर्ति से आंसू निकलते देखा गया था।
History of Banda का ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल
कालिंजर किला

यह किला कालिंजर की पहाड़ी पर स्थित है और इसमें कई स्मारक और मूर्तियां हैं और ऐसा कहा जाता है कि इसमें खजाना भी भरा हुआ है। जंगलों के बीचोबिज स्थापित किया बहुत ही सुंदर दिखता है और प्राकृतिक वातावरण का आनंद यहां से लिया जा सकता है।
भूरागढ़ किला

यह किला 17वीं शताब्दी में राजा गुमान सिंह के द्वारा बनवाया गया था भूरे रंग के पत्थर से बने होने के कारण इसे भूरागढ़ किला के नाम से जाना जाने लगा।
नवाब टैंक

बांदा शहर से लगभग तीन चार किलोमीटर दूर इस टैंक बांदा जिले के नवाब द्वारा बनाया गया था।
अन्य उल्लेखनीय स्थल
वेद व्यास की जन्मस्थली (वशधरी)- बांदा जिले के लसर ग्राम पंचायत में यह स्थान मौजूद है और वेदव्यास की जन्मस्थली इसे माना जाता है।
मड़फा (माण्डव्य ऋषि की तपोस्थली)- बांदा जिले में यह स्थान मौजूद है और इसे ऋषि मांडवे जिले का जन्म स्थान और तपोभूमि माना जाता है।
बांदा जिले के ये स्थल न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर हैं।
Famous Industries and Agriculture
उत्तर प्रदेश स्थित बुंदेलखंड क्षेत्र के अंतर्गत बांदा जिला अपने ऐतिहासिक परंपरा और प्राकृतिक संसाधनों और क़ृषि अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और लघु उद्योगों पर आधारित है लिए आपको यहां होने वाले कृषि के बारे में विस्तार से बताएं।
कृषि क्षेत्र
बांदा जिले की मिट्टी बहुत उपजाई उपजाऊ है और यहां मुख्यतः काली और लाल मिट्टी पाई जाती है| अपने मुख्य रूप से धान, गेहूं, चना, अरहर, मक्का और तिलहन खेती की जाती है।
आम और अमरूद जैसे फल भी यहाँ उगाए जाते हैं। बांदा जिले को एक जनपद एक उत्पाद (ODOP) के तहत आम के लिए चुना गया है।
प्रमुख उद्योग और हस्तशिल्प
- शजर पत्थर: इस पत्थर का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है जहां कारीगर इन पत्थरों से कई तरह के आभूषण बनते हैं जो सांस्कृतिक दृष्टि से अपना काफी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
- कृषि आधारित उद्योग: इसके अंतर्गत पत्थर काटना, कृषि संस्करण, रेडीमेड वस्त्रो की बनाई और कढ़ाई, हस्तकला बनाई और कढ़ाई उद्योग आते हैं।
पशुपालन और समेकित खेती
बांदा जिले में पशुपालन और सांख्यिकी खेती का भी प्रचलन शुरू हो गया है जिसके अंतर्गत मछली मुर्गी पालन और केंचुआ उत्पादन का भी प्रयोग शुरू हो गया है।
जनसांख्यिकी (Demography)
History of Banda: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है और यह चितरकूट मंडल का हिस्सा है। यहां की जनसांख्यिकी, साक्षरता, लिंगानुपात और पंचायत व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध है:
जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार)
- कुल जनसंख्या: 17,98,420
- पुरुष: 9,65,876
- महिला: 8,33,534
👥 जनसंख्या घनत्व
- जनसंख्या घनत्व: जनसंख्या घनत्व 408 व्यक्ति प्रतिवार किलोमीटर है |
⚖️ लिंगानुपात
- 1000 पुरुष पर 863 महिला है |
साक्षरता दर
- कुल साक्षरता दर: 66.67
- पुरुष साक्षरता दर: 76..7%
- महिला साक्षरता दर: 53.67%
स्वतंत्रता के बाद (History of Banda)
- आज़ादी के बाद बांदा उत्तर प्रदेश राज्य का एक हिस्सा बना और धीरे-धीरे सामाजिक और आर्थिक रूप से विकास करता गया। यहां की बलुआ पत्थर (रेड सैंडस्टोन) की खनिज संपदा भी प्रसिद्ध है।
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