विषयसूची
History of Barabanki
प्राचीन इतिहास
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
Famous Tourist Place of Barabanki UP
कृषि
प्रमुख उद्योग
हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग
Famous Food of Barabanki
Demography of Barabanki
आधुनिक विकास
History of Barabanki
History of Barabanki: बाराबंकी जिला, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है, जिसे ‘पूर्वांचल का प्रवेश द्वार’ भी कहा जाता है। इसका इतिहास प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं और परंपराओं से जुड़ा हुआ है।
प्राचीन इतिहास (History of Barabanki)
बाराबंकी का नामकरण ‘भगवान बारह’ के पुनर्जन्म की पावन भूमि के रूप में हुआ है। यह क्षेत्र सूर्यवंशी राजाओं के अधीन था, जिनकी राजधानी अयोध्या थी। महाभारत काल में यह ‘गौरव राज्य’ का हिस्सा था, और पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय घाघरा नदी के तट पर व्यतीत किया था।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
बाराबंकी संतों और साधुओं की तपोभूमि रही है। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह ने ‘जो रब वही राम’ का संदेश देकर धार्मिक एकता का प्रचार किया। इसके अलावा, सतनामी संत श्री जगजीवन दास और संत मलातमत शाह ने भी सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा दिया।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
बाराबंकी ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1921 में असहयोग आंदोलन, 1930 में नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में जिले के लोगों ने सक्रिय भाग लिया।
Famous Tourist Place of Barabanki UP
बाराबंकी, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला है, जो अपने धार्मिक स्थलों, पौराणिक वृक्षों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल हैं:-
देवा शरीफ दरगाह (बाराबंकी)
देवा शरीफ में स्थापित किया दरगाह हजरत वाजिद अली शाह को समर्पित है, और प्रतिवर्ष यहां मेला लगता है।
पारिजात वृक्ष (किन्तूर बाराबंकी)

उत्तर प्रदेश के किन्तूर गांव में यह पारिजात वृक्ष महाभारत काल से जुड़ा है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अर्जुन ने यह वृक्ष ऊँच से लेकर आए थे ताकि मातृ कुंती शिव पूजा में इस सुवर्ण फुल का अभिषेक कर सकें।
महादेवा मंदिर (लोधेश्वर धाम बाराबंकी)

कुन्तेश्वर महादेव मंदिर (किन्तूर बाराबंकी)

इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है बताया जाता है कि अनुभव की माता कुंती के नाम पर इस गांव का नाम किंटूर पड़ा और क्लास के दौरान यहां इस मंदिर की स्थापना की थी।
मसौली गांव (बाराबंकी)

प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रफी अहमद किदवई का गांव है जहां जाकर आप उनके ग्रामीण जीवन और उनके बचपन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
धनाखोर हनुमान मंदिर (बाराबंकी)

यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है, शनिवार मंगलवार को यहां भक्तों की भीड़ जमा होती है वहीं पास में धनखोर नाम का तालाब है विशेष मंदिर का नाम भी धनकोर मंदिर पड़ा।
सतरिख (बाराबंकी)
सतरिख स्थल सात ऋषि मुनियों की तपो भूमि कहा जाता है जहां गुरु वशिष्ठ ने राजा दशरथ के पुत्रों को शिक्षा दी थी।
यदि आप बाराबंकी की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन स्थलों को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें। ये स्थान न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं, बल्कि आपको शांति और आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करेंगे।
कृषि
- धान (चावल): लगभग 384.7 टन उत्पादन, उत्पादकता 2207 किग्रा/हेक्टेयर
- गेहूं: 516.8 टन उत्पादन, उत्पादकता 3179 किग्रा/हेक्टेयर
- गन्ना: 550 टन उत्पादन, उत्पादकता 53,693 किग्रा/हेक्टेयर
- मसूर, सरसों, मक्का: महत्वपूर्ण दलहन और तिलहन फसलें
- सब्जियां: आलू, प्याज, मटर आदि की खेती भी होती है
किसान नवीन कृषि पद्धतियों जैसे ड्रिप सिंचाई, फसल चक्र और फूलों की खेती (जैसे गुलाब, गेंदा) को अपनाकर उत्पादन बढ़ा रहे हैं।
उद्योग
- यू.पी.एस.आई.डी.सी. एग्रो पार्क, कुर्सी रोड
- औद्योगिक क्षेत्र, देवा रोड
- रसूल पनाह, फतेहपुर
- इस्माइलपुर, देवा
- अमरसंडा
- सोहिलपुर, हरख
यहां के प्रमुख उद्योग
- इंडिया पॉलीफाइबर लिमिटेड: पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर का निर्माण।
- डी.एस.एम. शुगर, रौजागांव: चीनी मिल।
- हैली इंडस्ट्रीज प्रा. लि.: वेल्डिंग इलेक्ट्रोड और चावल मिल।
- जे.आर. एग्रो इंडस्ट्रीज लि.: वनस्पति तेल रिफाइनरी (सहेली ब्रांड)।
- जे.आर. ऑर्गेनिक लि.: जैविक उत्पादों का निर्माण।
हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग
- हथकरघा उद्योग: स्कार्फ, शॉल, स्टोल आदि का निर्माण, जिनका निर्यात भी होता है।
- ज़रदोज़ी कढ़ाई: लखनऊ ज़रदोज़ी के अंतर्गत बाराबंकी के उत्पादों को भौगोलिक संकेत (GI) मिला है।
- रूमाल उत्पादन: बाराबंकी एक प्रमुख रूमाल उत्पादन केंद्र के रूप में उभरा है।
Famous Food of Barabanki
- मुख्य व्यंजन: गेहूं और चावल आधारित रोटियाँ, दालें, सब्जियाँ।
- मिठाइयाँ: जलेबी, लड्डू, पेड़ा आदि।
- स्थानीय विशेषताएँ: त्योहारों और मेलों में विशेष व्यंजन तैयार किए जाते हैं।
Demography of Barabanki
बाराबंकी जिला, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है। यहां की जनसंख्या, जनसंख्या घनत्व, लिंगानुपात, साक्षरता और पंचायत व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध है:
Population
- 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या – 32,60,699
- पुरुष: 17,07,073
- महिला: 15,53,626
- 2025 की अनुमानित जनसंख्या: 37,77,847
- पुरुष: 19,77,815
- महिला: 18,00, 031
जनसंख्या घनत्व (Population Density)
741 से प्रति व्यक्ति वर्ग किलोमीटर
लिंगानुपात (Sex Ratio)
1000 पुरुष पर 910 महिलाएं
📚 साक्षरता दर (Literacy Ratio)
कुल साक्षरता दर 67.75% है जबकि पुरुष साक्षरता 70.27% और महिला साक्षरता 53.34% है।
धार्मिक जनसंख्या (Religious Composition)
- हिंदू: 76.84%
- मुस्लिम: 25%
- अन्य धर्म: 0.55%
आधुनिक विकास
History of Barabanki: आज बाराबंकी जिला औद्योगिक और सांस्कृतिक रूप से विकसित हो रहा है। यह क्षेत्र हस्तशिल्प, हथकरघा और कढ़ाई जैसे कुटीर उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। बाराबंकी का इतिहास इसकी सांस्कृतिक विविधता, धार्मिक सहिष्णुता और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को दर्शाता है, जो इसे उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में से एक बनाता है। इसकी सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक स्थलों और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए जाना जाता है, जो इसे उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में स्थान देता है।
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