History of Bhagalpur: बिहार का भागलपुर जिला बिहार के पूर्वी भाग में गंगा नदी के दक्षिणी किनारे बसा है हालांकि इसका प्राचीनतम नाम चंपावती या चंपा नगरी कहीं जाती थी| चंपावती अंग महाजनपद की राजधानी थी |भागलपुर जिला, बिहार का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। इसे “रेशम नगरी” (Silk City) के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह अपनी उत्कृष्ट रेशम उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। भागलपुर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है और इसे अंग प्रदेश का हिस्सा माना जाता है। महाभारत में इसका उल्लेख “अंगदेश” के रूप में हुआ है, जिसका राजा कर्ण था।
भागलपुर का ऐतिहासिक महत्व
- अंगदेश – महाभारत काल में यह क्षेत्र अंग राज्य के रूप में प्रसिद्ध था और कर्ण इसका शासक था।
- गुप्त वंश और पाल वंश – यहाँ पाल वंश का शासन भी रहा, जिन्होंने कई बौद्ध संरचनाओं का निर्माण कराया।
- मुगल और ब्रिटिश काल – मुगल काल में यह व्यापारिक केंद्र बना और ब्रिटिश काल में भागलपुर ने स्वतंत्रता संग्राम में भी योगदान दिया।
- 4 मई 1973 को भागलपुर को जिला का दर्जा दिया गया।
भागलपुर का आधुनिक इतिहास
- जनसंख्या वृद्धि दर – भागलपुर का जनसंख्या वृद्धि दर 2011 की जनगणना के हिसाब से 25.36% है।
- लिंगानुपात – लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 880 महिलाएं हैं।
- साक्षरता दर – भागलपुर की साक्षरता दर 63.14% है।
- भाषा – यहां की भाषा अंगिका और हिंदी और उर्दू भी बोली जाती है।
- अनुमंडल – भागलपुर में तीन अनुमंडल है जिनमें नवगछिया भागलपुर और कहलगांव आते हैं।
- नदी – यहां की प्रमुख नदियों में कोसी है जिसे बिहार का शौक भी कहा जाता है| इसके साथ घाघरा जिसे करमानी भी कहा जाता है और घटंक है जिसे नारायणी की संज्ञा दी गई है।
- व्यापार – भागलपुर को ‘सिल्क की नगरी’ भी कहा जाता है और यहां से सिल्क कपड़ों का व्यापार बड़े स्तर पर किया जाता है जिसमें भागलपुरी सिल्क साड़ी, तसर रेशम का उत्पादन किया जाता है और यह सिल्क का एक तरह से हब है।
- यूनिवर्सिटी– भागलपुर का तिलक मांझी विश्वविद्यालय एक प्रमुख विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 12 जुलाई 1960 को की गई।
आपको बता दें प्रसिद्ध क्रांतिकारी तिलक मां जी के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम तिलक मांझी विश्वविद्यालय पड़ा जहां दूर-दूर से छात्र यहां ज्ञान अर्जित करने आते हैं।
History of Bhagalpur: प्राचीनतम और प्रमुख दर्शनीय स्थल
1. विक्रमशिला विश्वविद्यालय
- यह प्राचीन भारत का एक प्रमुख बौद्ध शिक्षा केंद्र था, जिसे पाल वंश के राजा धर्मपाल (8वीं-9वीं शताब्दी) ने बनवाया था।
- नालंदा विश्वविद्यालय की तरह यह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध था।
- यहाँ तिब्बत, चीन और अन्य देशों से छात्र अध्ययन के लिए आते थे।

2. कन्हाई स्तूप
- यह एक बौद्ध स्तूप है जो भागलपुर के नजदीक स्थित है।
- इसे महात्मा बुद्ध के समय से जुड़ा हुआ माना जाता है।
3. बुढ़ानाथ मंदिर
- यह शिव मंदिर भागलपुर के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है।
- यहाँ श्रावण मास में हजारों श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं।
4. ऊँचामंदार पर्वत
- यह भागलपुर जिले के कहलगांव के पास स्थित है और इसे समुद्र मंथन से जोड़ा जाता है।
- इसे हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थल माना जाता है।
5. गंगा नदी और कहलगांव
- कहलगांव में गंगा नदी का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।
- यहाँ जलविद्युत परियोजना भी स्थित है।
नवीनतम (अग्रिम) पर्यटन स्थल
- भागलपुर चिड़ियाघर (संजय उद्यान) – यह एक लोकप्रिय वन्यजीव पार्क है।
- भागलपुर म्यूजियम – यहाँ क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संग्रह है।
- मायागंज पार्क और वाटर पार्क – यह एक नया मनोरंजन स्थल है जो परिवारों के लिए उपयुक्त है।
History of Bhagalpur: भागलपुर में ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता भी भरपूर है, जो इसे बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है। भाई तिलक मांझी विश्वविद्यालय भी इसकी श्रेष्ठता में चार चांद लगा देता है क्योंकि एक अच्छा विश्वविद्यालय होना भी एक अच्छे जिले की पहचान होती है।
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