विषयसूची
History of Etah
प्राचीन इतिहास
मध्यकालीन इतिहास
History of Etah का ब्रिटिश काल
स्वतंत्रता के बाद
History of Etah का संस्कृति और विरासत
Famous tourist place of Etah
आर्थिक और सामाजिक विकास
उद्योग धंधे और कृषि (Industries and Agriculture)
जनसांख्यिकी (Demography)
History of Etah
उत्तर प्रदेश का एटा जिला ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह जिला ब्रज क्षेत्र का हिस्सा है और इसका उल्लेख प्राचीन काल से मिलता है।
प्राचीन इतिहास
एटा क्षेत्र का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है। इसे पहले पंचाल और मथुरा जनपदों का हिस्सा माना जाता था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह क्षेत्र महाभारत काल में पांडवों और कौरवों से जुड़ा रहा है।
मध्यकालीन इतिहास
मध्यकाल में एटा पर कई राजवंशों का शासन रहा। गुप्त वंश, प्रतिहार वंश और बाद में चौहान वंश का यहां प्रभाव रहा। 12वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणों के दौरान यह क्षेत्र दिल्ली सल्तनत के अधीन आ गया। मुगल काल में यह क्षेत्र आगरा सूबे का हिस्सा बना। अकबर के समय इसे प्रशासनिक रूप से संगठित किया गया। जहांगीर और औरंगजेब के शासनकाल में एटा को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता था।
History of Etah का ब्रिटिश काल
ब्रिटिश शासन में एटा को 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने का गौरव प्राप्त हुआ। यहां के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। एटा का यह संघर्ष स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान का प्रतीक बना।
स्वतंत्रता के बाद
भारत की आज़ादी के बाद, एटा जिला उत्तर प्रदेश राज्य का हिस्सा बना और धीरे-धीरे एक प्रशासनिक और कृषि प्रधान जिले के रूप में विकसित हुआ।
History of Etah का संस्कृति और विरासत
- एटा जिले की संस्कृति ब्रज क्षेत्र से प्रभावित है।
- यहां ब्रजभाषा, हिंदी और उर्दू बोली जाती है।
- होली, जन्माष्टमी और दीपावली यहां के प्रमुख त्योहार हैं।
- जिले में कई मंदिर, किले और ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं।
Famous tourist place of Etah
एटा जिला, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। यहाँ कई धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल हैं जो यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। एटा के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
कैलाश मंदिर

यह मंदिर एटा जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर स्थानीय भक्तों और पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र है।
पथवारी मंदिर

यह मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है और विशेष रूप से नवरात्रि के समय भक्तों की भारी भीड़ यहां देखी जाती है।
अवागढ़ किला

यह ऐतिहासिक किला एटा जिले के अवागढ़ क्षेत्र में स्थित है। किले का निर्माण राजा भोज के वंशजों द्वारा किया गया था और यह ऐतिहासिक महत्व रखता है।
फ्रेंड्स कॉलोनी चर्च

यह एक प्रसिद्ध चर्च है, जो अपने सुंदर वास्तुशिल्प और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
नयागांव धाम
यह धार्मिक स्थल हिंदू भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहाँ हर साल विभिन्न धार्मिक आयोजन होते हैं।
पटना पक्षी विहार

यह एक सुंदर झील और पक्षी विहार है, जहाँ सर्दियों में प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं। यह प्रकृति प्रेमियों और पक्षी प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन जगह है।
नगला वीरसिंह हनुमान मंदिर
यह हनुमान जी को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
राजा का किला, अलीगंज
यह एक प्राचीन किला है जो एटा के ऐतिहासिक गौरव को दर्शाता है।
सिद्ध पीठ श्री खड़ेश्वर धाम
यह भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहाँ महाशिवरात्रि के दौरान विशेष आयोजन होते हैं। इन सभी स्थानों के अलावा, एटा में कई छोटे-बड़े मंदिर, ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक स्थल हैं जो इसे एक शानदार पर्यटन गंतव्य बनाते हैं।
- सोरों शूकरक्षेत्र – यह तीर्थ स्थल भगवान वराह (विष्णु का अवतार) से जुड़ा हुआ है।
- अवागढ़ किला – एटा के ऐतिहासिक स्थलों में से एक, जो पुरानी स्थापत्य कला का उदाहरण है।
- पाटना देवी मंदिर – यह धार्मिक स्थल आस्था का केंद्र है।
आर्थिक और सामाजिक विकास
आज एटा कृषि, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। गंगा-यमुना के दोआब क्षेत्र में स्थित होने के कारण यह कृषि के लिए उपयुक्त जिला है।
उद्योग धंधे और कृषि (Industries and Agriculture)
एटा जिला उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला है, जहाँ कृषि और उद्योग दोनों का अपना विशेष स्थान है।
कृषि
- गेहूँ और धान – प्रमुख खाद्य फसलें
- गन्ना – चीनी उद्योग के लिए महत्वपूर्ण
- बाजरा, ज्वार और मक्का – मोटे अनाज
- चना, मसूर और अरहर – दलहन फसलें
- आलू और सरसों – व्यावसायिक फसलें
कृषि यहाँ मुख्य रूप से मानसूनी वर्षा और नहरों पर निर्भर है। हालाँकि, ट्यूबवेल और बोरवेल की मदद से सिंचाई भी की जाती है।
उद्योग और व्यापार
एटा जिला छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों के लिए जाना जाता है। यहाँ के प्रमुख उद्योग निम्नलिखित हैं:
- गन्ना मिल और चीनी उद्योग – क्षेत्र में गन्ने की खेती अधिक होने के कारण चीनी मिलें यहाँ की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
- ईंट भट्टे – भवन निर्माण में काम आने वाली ईंटों का उत्पादन यहाँ बड़े पैमाने पर होता है।
- दूध और डेयरी उद्योग – यहाँ पर दुग्ध उत्पादन काफी मात्रा में होता है, जिससे छोटे स्तर पर डेयरी उद्योग भी विकसित हो रहा है।
- हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग – बढ़ईगिरी, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी के खिलौने और कपड़ा बुनाई जैसे पारंपरिक कुटीर उद्योग भी यहाँ मौजूद हैं।
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व्यापार और बाजार
- कृषि उत्पादों का व्यापार मुख्यतः स्थानीय मंडियों में किया जाता है।
- एटा की स्थानीय मंडियाँ गेहूँ, धान, गन्ना, और दलहन के लिए प्रसिद्ध हैं।
- यहाँ के व्यापारियों का संबंध आगरा, अलीगढ़ और कानपुर जैसे बड़े व्यावसायिक केंद्रों से रहता है।
जनसांख्यिकी (Demography)
History of Etah एटा जिले की 2011 की मतगणना के अनुसार, जनसंख्या 1774480 थी और वही जनसंख्या घनत्व 717 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। बात करें लिंगानुपात की तो 1000 पुरुष पर 863 महिलाएं हैं। साक्षरता दर 73% थी जिसमें 82% पुरुष वर्ग और 83% महिला साक्षरता दर थी, और एटा में 894 ग्राम पंचायत है।
एटा जिले की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है, लेकिन छोटे उद्योग भी यहाँ धीरे-धीरे विकसित हो रहे हैं। चीनी मिल, ईंट भट्टे, डेयरी और कुटीर उद्योग इस जिले के प्रमुख व्यवसायों में शामिल हैं। एटा जिला ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध रहा है। यह अपनी वीर गाथाओं, पौराणिक महत्व और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के कारण उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में गिना जाता है।
मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं । जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)