Sunday, June 15, 2025
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History of Gaya: गया का ऐतिहासिक सफर: मोक्ष और धर्म की पावन भूमि…

History of Gaya: बिहार राज्य का एक ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है। इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन है और यह हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है। गया बिहार का दूसरा सबसे बड़ा जिला है और इसकी स्थापना 3 अक्टूबर 1865 ई को हुई थी। उसके बाद सन 1973 इसी में औरंगाबाद और नवादा को गया से अलग करके दो नए जिले बनाए गए फिर 1986 में गया से जहानाबाद नया जिला बनाया गया।

History of Gaya: प्राचीन इतिहास

गया का उल्लेख हिंदू ग्रंथों, विशेष रूप से रामायण और महाभारत में मिलता है। इसे विष्णुपद मंदिर और पिंडदान के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने गयासुर नामक राक्षस को वरदान दिया था कि उसका शरीर एक पवित्र स्थान बनेगा, जहां लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करेंगे। यही कारण है कि गया को पितृ पक्ष में पिंडदान के लिए सबसे प्रमुख स्थल माना जाता है। पुरानी कथा के अनुसार माता सीता ने दशरथ जी का पिंडदान यही किया था इसलिए तभी से गया में पिंडदान करने की परंपरा चली आ रही है ऐसा माना जाता है कि यहां पिंडदान करने से आत्मा को मोस्ट की प्राप्ति होती है और तभी से गया पिंडदान और मोक्ष प्राप्ति का स्थल बन चुका है।

बौद्ध धर्म में महत्व

गया बौद्ध धर्म के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि भगवान बुद्ध को यही मोक्ष प्राप्ति हुई थी। गया से लगभग 15 किलोमीटर दूर बोधगया स्थित है, जहां भगवान बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। इसी बोधगया में कल्प वृक्ष या बोधि वृक्ष है जिसके नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था और इसे देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं |यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र है और यहां महाबोधि मंदिर स्थित है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। बहुत बौद्ध धर्म और उसके अनुयायियों का टूरिस्ट प्लेस बन गया है क्योंकि यहां अक्सर दूर-दूर से लोग और विदेशो से बौद्ध धर्म के मानने वाले गया आते हैं और भगवान बुद्ध के तीर्थ स्थलों का दर्शन करते हैं।

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जैन धर्म में महत्व

गया जैन धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने गया के पास राजगृह क्षेत्र में ध्यान और साधना की थी। गया में कई जैन मंदिर भी है जो बहुत ही सुंदर है जहां अक्सर जैन धर्म की अनुयाई इस मंदिर को देखने के लिए आते हैं।

History of Gaya: मध्यकालीन एवं आधुनिक

गया विभिन्न राजवंशों के अधीन रहा, जिनमें मौर्य, गुप्त, पाल और मुगल साम्राज्य प्रमुख हैं। अंग्रेजों के शासनकाल में भी गया एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र बना रहा। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी यह क्षेत्र क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र रहा।

वर्तमान में गया

आज गया एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और यहां हर साल हजारों श्रद्धालु पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठान के लिए आते हैं। बोधगया विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय बौद्ध श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है। वही गया का मानपुर हस्तकरघा का बहुत बड़ा केंद्र है।

  • वर्तमान में गया की आबादी – 2011 की जनगणना के अनुसार गया की आबादी 43,91,418 थी।
  • जनसंख्या घनत्व – जनसंख्या घनत्व 880 लोकपति वर्ग किलोमीटर है।
  • लिंगानुपात – लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 932 महिलाएं हैं।
  • साक्षरता – साक्षरता दर 66.35% है।
  • मंदिर

वैसे तो गया मैं बहुत पुराने मंदिर हैं लेकिन जो यहां सबसे फेमस है वह है-

1. विष्णुपद मंदिर – क्या मध्य भवन विष्णु को समर्पित है और बहुत ही प्राचीनतम और फेमस मंदिर है जब जो भी कोई यहां आता है वह इस मंदिर को दर्शन करने जरूर आता है।

2. सीता कुंड- दूसरा प्रमुख स्थल सीता कुंड है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि यहां पर ही माता सीता ने दशरथ जी का पिंडदान किया था।

गया की प्रमुख नदी

गया की प्रमुख नदी फल्गु नदी है और इस नदी के किनारे पर ही विष्णुपद मंदिर बसा हुआ है। हालांकि नदी में पानी नहीं है ऐसी मान्यता है की माता सीता ने फल्गु नदी को श्राप दिया था इसमें पानी नहीं रहेगा क्योंकि फल्गु नदी ने राजा दशरथ के पिंडदान के बारे में झूठ बताया था। इस फल्गु नदी के किनारे ही पिंडदान होते हैं ऐसी मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सात जन्म का उद्धार होता है। फल्गु नदी का बौद्ध हिंदू और जैन धर्म में भी उल्लेख हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यह भगवान विष्णु द्वारा अवतरित है।

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गया के प्रमुख विश्वविद्यालय

गया के दो प्रमुख विश्वविद्यालय हैं जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय हैं। इस विश्वविद्यालय की स्थापना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन हुई और 2009 में इसकी स्थापना हुई। पहले विश्वविद्यालय की शुरुआत पटना में हुई थी लेकिन बाद में इसे गया में स्थापित किया गया। गया विश्वविद्यालय में 11 अकादमी के पीठ और 25 एकेडमी विभाग है और यह प्राचीनतम विश्वविद्यालय आज तक गया में है जहां कहीं छात्राएं आधुनिक है और उज्जवल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।

इस तरह गया अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत के कारण भारत के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक बना हुआ है। यह एक बेहद पवित्र दर्शनीय स्थल है जो लोगों के दिलों में बसा हुआ है और मोक्ष प्राप्ति की जहां तक बात करी जाए तो यहां लोग अंत में आते हैं। गया भारत की सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे हुए हिंदू बहुत और जैन धर्म इतिहास का गवाह बना हुआ है।

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Raushan Singh
Raushan Singhhttp://thesamastipur.in
I am a passionate blogger from Samastipur, Bihar. Since childhood, I had a desire to do something for my village, society and country, which I am trying to fulfill through "The Samastipur" platform. Please give your blessings to help roar.
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