विषयसूची
गोपालगंज का इतिहास
प्राचीन काल
मध्यकालीन इतिहास
ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम
गोपालगंज का भूगोल और प्रशासन
संस्कृति और प्रमुख स्थल
कुछ प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल इस प्रकार हैं:
आर्थिक और सामाजिक विकास
गोपालगंज जिले के प्रमुख कॉलेज विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान:
Gopalganj जिले के बारे मे कुछ अन्य जानकारियां:
विशेष:
History of Gopalganj गोपालगंज जिला बिहार राज्य के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है। इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व काफी समृद्ध रहा है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से विभिन्न राजवंशों और शासकों के प्रभाव में रहा है, जिनमें मगध, मौर्य, गुप्त और पाल वंश शामिल हैं। वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक किया जिला कई शासन के अधीन रहा है।
History of Gopalganj
प्राचीन काल
गोपालगंज का इतिहास प्राचीन भारत से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है आर्य काल में वामन राजा शेरों ने इस क्षेत्र प्रशासन किया और यह कभी मगध साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। वही महाभारत काल में यह राजा भूरी सरवा के अधीन था |मौर्य और गुप्त वंशों के शासनकाल में यह क्षेत्र शिक्षा और संस्कृति का केंद्र रहा। यह माना जाता है कि इस क्षेत्र में बौद्ध और जैन धर्मों का भी प्रभाव था, और कई स्थानों पर बौद्ध मठों और जैन मंदिरों के अवशेष मिले हैं।
History of Gopalganj मध्यकालीन इतिहास
मध्यकाल में यह क्षेत्र दिल्ली सल्तनत और बाद में मुगल साम्राज्य के अधीन रहा। 13वीं और सभी शताब्दी में यह बंगाल शासक गयासुद्दीन अब्बास और फिर बाबर के संरक्षण में आया|मुगलों के पतन के बाद यह क्षेत्र बंगाल नवाबों और फिर अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया। इस दौरान यहाँ जमींदारी प्रथा भी विकसित हुई, और स्थानीय जमींदारों का काफी प्रभाव रहा।
ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम
ब्रिटिश शासन के दौरान गोपालगंज क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना। कई स्वतंत्रता सेनानियों ने यहाँ से ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए गए असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में भी इस क्षेत्र के लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
Gopalganj का भूगोल और प्रशासन
गोपालगंज जिला बिहार के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला, दक्षिण में सारण जिला, पूर्व में पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले और पश्चिम में सिवान जिला स्थित है।
गोपालगंज का गठन 2 अक्टूबर 1973 को हुआ था, जब इसे सिवान जिले से अलग कर एक नया जिला बनाया गया। वर्तमान में यह जिला बिहार के 38 जिलों में से एक महत्वपूर्ण जिला है। वही 1875 में गोपाल और सालन जिला का अनुमंडल बना| था
संस्कृति और प्रमुख स्थल
गोपालगंज की संस्कृति पारंपरिक बिहारी संस्कृति से प्रभावित है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ भोजपुरी, हिंदी और उर्दू हैं।
प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल
- थावे दुर्गा मंदिर– यह मंदिर थावे में स्थित है और माँ दुर्गा को समर्पित है। यह स्थान भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है।
- नेचुआ जलालपुर दुर्गा मंदिर– नेचुआ जलालपुर गाँव में स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।

- रामबृक्ष धाम– यह धार्मिक स्थल आध्यात्मिक साधना और शांति के लिए जाना जाता है।
- बुद्ध मंदिर: बौद्ध धर्म से संबंधित यह मंदिर स्थानीय और बाहरी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
- बेलवनवा हनुमान मंदिर– कुचायकोट प्रखंड में स्थित यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण स्थल है।

- दिधवादुबौली सिंहासनी मंदिर: यह मंदिर अपने प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
- लकड़ी दरगाह– पटना के मुस्लिम संत शाह अर्जन की यह दरगाह अपनी लकड़ी की उत्कृष्ट कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ रब्बी-उस-सानी के 11वें दिन उर्स पर बड़ा मेला लगता है।
- रामगढ़वा डीह– भोरे प्रखंड के पास स्थित यह स्थान महाभारत काल के राजा भुरिश्रवा की राजधानी माना जाता है। यहाँ महलों के खंडहर और प्राचीन वस्तुएँ देखने को मिलती हैं।
- थावे दुर्गा मंदिर– यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है और यहाँ हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
- हथुआ राजमहल– यह ऐतिहासिक महल हथुआ रियासत के राजा द्वारा बनवाया गया था और आज भी अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।

- डुमरिया मठ – यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो संतों और भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है।
आर्थिक और सामाजिक विकास
गोपालगंज मुख्य रूप से कृषि प्रधान जिला है। यहाँ की प्रमुख फसलें धान, गेहूं, मक्का और गन्ना हैं। गन्ना उत्पादन के कारण यहाँ चीनी मिलों की भी स्थापना हुई है। यहां की भाषा प्रमुख रूप से भोजपुरी बोली जाती है। सड़क और रेलवे की अच्छी कनेक्टिविटी होने के कारण यह जिला व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में भी विकसित हो रहा है।
Gopalganj जिले के प्रमुख कॉलेज विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान
- कमला राय महाविद्यालय: यह महाविद्यालय गोपालगंज शहर में स्थित है और जिले के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है।
- गोपेश्वर महाविद्यालय: हथुआ में स्थित यह महाविद्यालय उच्च शिक्षा के लिए जाना जाता है। हाल ही में, इसे प्रधानमंत्री उच्च शिक्षा अभियान (पीएम उषा) योजना के तहत पाँच करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है, जिससे कॉलेज में आधारभूत संरचना और शैक्षणिक सुविधाओं का विकास होगा।
- महेन्द्र महिला महाविद्यालय: यह महाविद्यालय गोपालगंज में स्थित है और विशेष रूप से महिला शिक्षा के लिए समर्पित है।
- भोला प्रसाद सिंह महाविद्यालय: भोरे प्रखंड में स्थित यह महाविद्यालय ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करता है।
- राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय, गोपालगंज: यह सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यहाँ GATE, इस जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेमिनार और काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाते हैं।
गोपालगंज जिले के बारे मे कुछ अन्य जानकारियां:
2011 की जनगणना के अनुसार, गोपालगंज जिले की कुल जनसंख्या 25,62,012 थी, जिसमें पुरुषों की संख्या 12,67,666 और महिलाओं की संख्या 12,94,346 थी। जिले का लिंगानुपात 1,021 महिलाएँ प्रति 1,000 पुरुष था, जो बिहार राज्य के औसत लिंगानुपात 918 से अधिक है।साक्षरता दर की बात करें, तो जिले की कुल साक्षरता दर 65.47% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 76.51% और महिला साक्षरता दर 54.81% थी।इसके अतिरिक्त, गोपालगंज जिले में 2001 से 2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर 19.02% दर्ज की गई, जो राज्य में सबसे कम थी।
History of Gopalganj विशेष
गोपालगंज अपने ऐतिहासिक महत्व, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधनों के कारण बिहार के प्रमुख जिलों में से एक है। यह जिला धीरे-धीरे आधुनिक विकास की ओर बढ़ रहा है और शिक्षा, उद्योग और कृषि के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है।
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