Sunday, June 15, 2025
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History of Jhansi: रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और स्वतंत्रता संग्राम की गाथा…

History of Jhansi

History of Jhansi: Jhansi उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक जिला है, जो मुख्य रूप से 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है और इसकी स्थापना ओरछा राज्य के बुंदेला शासकों द्वारा की गई थी। झाँसी का नाम पहले “बलवंत नगर” था, लेकिन बाद में इसे “झाँसी” कहा जाने लगा। ओरछा राजा वीर सिंह ने इसका नाम बलवंत नगर रखा था और बाद में यह झांसी बना।

Jhansi का प्राचीन इतिहास (Anciant History of Jhansi)

झाँसी का क्षेत्र प्राचीन काल में विभिन्न शासकों के अधीन रहा। यह पहले चेदि, नागवंशी और गुर्जर-प्रतिहार राजाओं के अधीन था। मध्यकाल में बुंदेला राजाओं ने इस क्षेत्र पर शासन किया। पहुंच नदी के किनारे झांसी बस हुआ है।

Jhansi का मध्यकालीन इतिहास (Medieval History)

17वीं शताब्दी में बुंदेला राजा बीर सिंह देव ने झाँसी किले का निर्माण कराया। 1729 में ओरछा के राजा महाराज छत्रसाल ने मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम को मुगलों के खिलाफ सहायता के बदले झाँसी सहित कुछ भूभाग प्रदान कर दिया। इसके बाद, मराठाओं ने झाँसी पर शासन किया और इसे एक शक्तिशाली किलेबंद शहर में बदल दिया।

झाँसी का आधुनिक इतिहास और 1857 का संग्राम (Modern History and रेवोल्ट of 1857)

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। अंग्रेजों ने 1853 में रानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र दामोदर राव को उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया और “डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स” नीति के तहत झाँसी को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया।

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने वीरतापूर्वक अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने झाँसी के किले से अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए वीरता दिखाई, लेकिन अंततः 18 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुईं।

झाँसी का ब्रिटिश काल और स्वतंत्रता के बाद

रानी लक्ष्मीबाई की वीरगति के बाद झाँसी ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। 1886 में इसे ग्वालियर के सिंधिया राजाओं को सौंप दिया गया, लेकिन 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद इसे उत्तर प्रदेश का हिस्सा बना दिया गया।

प्रमुख पर्यटन स्थल (Famous Tourist Place)

झाँसी, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है, जो रानी लक्ष्मीबाई और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर कई ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों से भरपूर है। यहाँ कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं:

झाँसी का किला

रानी लक्ष्मीबाई का यह ऐतिहासिक किला झाँसी की पहचान है। यह किला 1613 में ओरछा के राजा वीर सिंह जूदेव ने बनवाया था। किले से झाँसी शहर का सुंदर नज़ारा दिखता है।

रानी महल

यह महल रानी लक्ष्मीबाई का निवास स्थान था, जो अब एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है। यहाँ आपको 9वीं और 12वीं सदी की मूर्तियाँ और ऐतिहासिक वस्तुएँ देखने को मिलेंगी।

लक्ष्मी तालाब

इस तालाब का ऐतिहासिक महत्व है, और यह रानी लक्ष्मीबाई के जीवन से जुड़ा हुआ माना जाता है।

झाँसी संग्रहालय

यह संग्रहालय झाँसी के इतिहास और बुंदेलखंड की संस्कृति को दर्शाता है। यहाँ हथियार, चित्र, वस्त्र, सिक्के और प्राचीन मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं।

महाराजा गंगाधर राव की छतरी

यह छतरी झाँसी के अंतिम पेशवा राजा गंगाधर राव की स्मृति में बनाई गई थी।

ओरछा

झाँसी से लगभग 18 किमी दूर स्थित ओरछा एक ऐतिहासिक नगर है, जहाँ शानदार महल, किले और मंदिर हैं।

बरुआ सागर

Barua Sagar

यह स्थान झाँसी से 24 किमी दूर है, जहाँ एक सुंदर झील और ऐतिहासिक किला स्थित है।

पचकुइयाँ

यह वह स्थान है जहाँ रानी लक्ष्मीबाई के सैनिकों का अंतिम संस्कार किया गया था।

महारानी लक्ष्मीबाई पार्क

यह पार्क रानी लक्ष्मीबाई को समर्पित है और यहाँ उनकी प्रतिमा भी स्थापित है।

संत जॉन्स चर्च

1857 के विद्रोह से जुड़ा यह चर्च ब्रिटिश कालीन वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है।

आज झाँसी एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहां रानी लक्ष्मीबाई किला, महाराजा गंगाधर राव की छतरी, लक्ष्मी तालाब और झाँसी संग्रहालय जैसे ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं। यह शहर भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण जंक्शन भी है और बुंदेलखंड क्षेत्र का एक प्रमुख औद्योगिक व कृषि केंद्र है।

प्रमुख उद्योग धंधे और कृषि (Famous Industries and Agriculture)

झांसी, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है, जहाँ उद्योग और कृषि दोनों का महत्वपूर्ण योगदान है।

प्रमुख उद्योग-धंधे

  1. रेलवे वर्कशॉप: झांसी में भारतीय रेलवे की बड़ी वर्कशॉप है, जहाँ रेलवे इंजन और कोचों की मरम्मत और निर्माण किया जाता है।
  2. रक्षा उपकरण उद्योग: झांसी में कुछ रक्षा उपकरण निर्माण से जुड़े उद्योग भी हैं, जो भारतीय सेना के लिए काम करते हैं।
  3. मशीन टूल्स और इंजीनियरिंग उद्योग: यहाँ कई छोटे और मध्यम आकार के इंजीनियरिंग और मशीन टूल्स निर्माण करने वाले उद्योग मौजूद हैं।
  4. कृषि आधारित उद्योग: खाद्य प्रसंस्करण, तेल मिल, दाल मिल और डेयरी उत्पादों से संबंधित उद्योग यहाँ लोकप्रिय हैं।
  5. हथकरघा और हस्तशिल्प: झांसी के आस-पास कई क्षेत्रों में हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग भी मौजूद हैं।

कृषि

  1. गेहूं और चावल: प्रमुख अनाज फसलें हैं, जो रबी और खरीफ सीजन में उगाई जाती हैं।
  2. चना और अरहर: दलहन फसलों में चना और अरहर यहाँ काफी मात्रा में उगाए जाते हैं।
  3. सरसों और तिल: तिलहन फसलों में सरसों और तिल की खेती प्रचलित है।
  4. सब्जियां और फल: झांसी में आलू, टमाटर, प्याज जैसी सब्जियों और आम, अमरूद जैसे फलों की खेती भी होती है।
  5. मसाले: हल्दी, धनिया, मिर्च जैसी मसाले वाली फसलें भी यहाँ उगाई जाती हैं।

झांसी की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और रेलवे पर निर्भर है, लेकिन धीरे-धीरे यहाँ औद्योगीकरण भी बढ़ रहा है।

जनसांख्यिकी (Demography)

झाँसी जिला उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है। 2011 की जनगणना के अनुसार, झाँसी जिले की कुल जनसंख्या 19,98,603 थी। जनसंख्या घनत्व 398 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था। लिंग अनुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 890 महिलाएँ थी। साक्षरता दर 75.5% थी, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 83.0% और महिलाओं की साक्षरता दर 66.5% थी।

झाँसी जिले में कुल 8 तहसीलें और 8 ब्लॉक हैं। इन ब्लॉकों में कुल 437 ग्राम पंचायतें हैं, जो ग्रामीण प्रशासन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

कॉलेज विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान (College, University and Educational Institute)

झांसी जिला उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है, जहां कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, कॉलेज और शिक्षण संस्थान स्थित हैं। प्रमुख संस्थानों की सूची निम्नलिखित है:

विश्वविद्यालय

  • बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (Bundelkhand University): 1975 में स्थापित यह सार्वजनिक विश्वविद्यालय विभिन्न व्यावसायिक, तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इसके परिसर में कई संस्थान शामिल हैं, जैसे कि प्रबंधन अध्ययन संस्थान, पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान, बेसिक साइंस संस्थान, और इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान।

इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान

  • बुंदेलखंड इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान (Bundelkhand Institute of Engineering & Technology – BIET): यह एक सरकारी स्वायत्त इंजीनियरिंग कॉलेज है, जो 1986 में स्थापित हुआ था। यह कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल और अन्य इंजीनियरिंग शाखाओं में पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • एसआर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स (SR Group of Institutions): यह संस्थान विभिन्न इंजीनियरिंग और प्रबंधन पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जैसे कि कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, और मैनेजमेंट स्टडीज।

चिकित्सा महाविद्यालय

  • महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmi Bai Medical College): 1968 में स्थापित यह मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस और विभिन्न स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का एक प्रमुख केंद्र है।

कला और विज्ञान महाविद्यालय

  • बिपिन बिहारी कॉलेज (Bipin Bihari College): यह स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान और कला विषयों में पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • आर्य कन्या महाविद्यालय (Arya Kanya College): यह महिला छात्रों के लिए समर्पित एक प्रमुख संस्थान है, जो विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान

  • जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (District Institute of Education and Training – DIET): यह संस्थान शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रसिद्ध है और डी.एड. जैसे पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • जय बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एजुकेशन मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (Jai Bundelkhand Institute for Science Education Management and Technology): यह संस्थान बी.एड. और डी.एल.एड. जैसे शिक्षा संबंधी पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

अन्य प्रमुख संस्थान

  • इंडियन ग्रासलैंड एंड फोडर रिसर्च इंस्टीट्यूट (Indian Grassland and Fodder Research Institute – IGFRI): यह संस्थान चारा और घास के अनुसंधान में विशेषज्ञता रखता है और कृषि विज्ञान में अनुसंधान कार्यक्रम संचालित करता है।
  • गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, झांसी (Government Polytechnic, Jhansi): यह संस्थान विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जैसे कि सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग।

इन संस्थानों के माध्यम से झांसी जिला शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिससे छात्रों को विभिन्न विषयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलते हैं। इस तरह,झाँसी का इतिहास न केवल वीरता की कहानियों से भरा है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले प्रमुख स्थलों में से एक भी है। आज यह उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला है और प्रगति की और अग्रसर है।

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Raushan Singh
Raushan Singhhttp://thesamastipur.in
I am a passionate blogger from Samastipur, Bihar. Since childhood, I had a desire to do something for my village, society and country, which I am trying to fulfill through "The Samastipur" platform. Please give your blessings to help roar.
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