विषयसूची
कैमूर जिले का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
प्राचीन इतिहास:
मध्यकालीन इतिहास:
ब्रिटिश काल:
कैमूर जिले के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
1. मुंडेश्वरी मंदिर:
2. रोहतासगढ़ किला:
3. कर्मनाशा नदी और कैमूर पहाड़ियां:
4. भभुआ का पाटन देवी मंदिर:
5. टेल्हाड़ कुंड और धुआंधार जलप्रपात:
कैमूर जिले की संस्कृति और परंपराएं
कैमूर जिले के बारे में जाने कुछ विशेष बातें:
जिले में एक राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) भी है:
History of Kaimur: बिहार का कैमूर जिला ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध क्षेत्र है। यह जिला 1991 में रोहतास जिले से अलग होकर बना था। वही 1994 में कैमूर का नाम भभुआ जिला पड़ा |इसका मुख्यालय भभुआ में स्थित है। कैमूर जिला अपने प्राचीन किलों, गुफाओं, मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है वही कैमूर के पहाड़ इसमें चार-चाँद लगा देते हैं| कैमूर में मानव निवास के सबसे पुराने साक्षय मिले हैं जो कि शैल चित्रों के रूप में मिले हैं जो की 20000 साल पुराने हैं वहीं से चित्रों में बाघ,सूअर,बैल के चित्र दर्शाएं गए हैं जहां कैमूर के सारोबाग में गेंदे का चित्र मिला है।
कैमूर जिले का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
प्राचीन इतिहास
- कैमूर का क्षेत्र प्राचीन काल में मगध साम्राज्य का हिस्सा था।
- महाजनपद काल में यह क्षेत्र अंग, मगध और काशी की सीमाओं से जुड़ा था।
- कई पुरातात्विक प्रमाण बताते हैं कि यह इलाका मौर्य, गुप्त और पाल वंशों के शासन के अधीन था।
- कैमूर की पहाड़ियों में कई प्राचीन शैलचित्र (रॉक पेंटिंग) मिले हैं, जो हजारों साल पुराने माने जाते हैं। अभी कैमूर के लहरा जंगल में चलचित्र मिले हैं
मध्यकालीन इतिहास
- शेरशाह सूरी (1540-1545 ई.) के शासनकाल में यह इलाका महत्वपूर्ण था। उसने ग्रैंड ट्रंक रोड (GT रोड) को इसी क्षेत्र से होकर बनवाया था।
- मुगल काल के दौरान, यह क्षेत्र विभिन्न राजाओं और जमींदारों के अधीन था।
- कैमूर के किले और मंदिर मध्यकालीन स्थापत्य कला के शानदार उदाहरण हैं।
ब्रिटिश काल
- कैमूर जिले ने 1857 की क्रांति में सक्रिय भाग लिया था।
- यह इलाका ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष करने वाले कई स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ था।
- कैमूर की पहाड़ियों और घने जंगलों का उपयोग स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों के छिपने के लिए किया जाता था।
History of Kaimur: जिले के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
मुंडेश्वरी मंदिर
- यह भारत का सबसे प्राचीन जीवित मंदिर माना जाता है, जो गुप्त काल (4वीं शताब्दी) का है।
- मंदिर भगवान शिव और शक्ति (मां मुंडेश्वरी) को समर्पित है।
- यह स्थान तंत्र साधना और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है।
रोहतासगढ़ किला

- यह किला रोहतास जिले में स्थित है, लेकिन कैमूर जिले से जुड़ा हुआ है।
- इसे शेरशाह सूरी ने अपने सैन्य ठिकाने के रूप में विकसित किया था।
- यह किला समुद्र तल से 1500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
कर्मनाशा नदी और कैमूर पहाड़ियां

- कर्मनाशा नदी की उत्पत्ति कैमूर पहाड़ियों से होती है।
- कैमूर पहाड़ियां झरनों, गुफाओं और जंगलों से घिरी हुई हैं, जो पर्यटन के लिए आकर्षक स्थान हैं।
भभुआ का पाटन देवी मंदिर

- यह देवी दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे शक्ति पीठों में से एक माना जाता है।
- नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
History of Kaimur: कैमूर जिले की संस्कृति और परंपराएं
- छठ पूजा: यह जिले का सबसे प्रमुख त्योहार है।
- नृत्य और संगीत: भोजपुरी लोकगीत, बिरहा, कजरी, सोहर आदि कैमूर की सांस्कृतिक धरोहर हैं।
- भोजपुरी भाषा: यहां की मुख्य भाषा भोजपुरी और हिंदी है।
- खान – पान : यहां लिट्टी चोखा, दाल चावल,मछली भात, ठेकुआ मालपुआ यह सब चीज प्रमुख है जो साधारण जीवन में खाया जाता है।
- नदियां :कैमूर जिले की प्रमुख नदी कर्मनाशा नदी है। कर्मशा नदी के कारण इसका नाम कैमूर पड़ा है इसके अलावा, जिले में दुर्गावती नदी, कुदरा नदी, और सुहेला नदी भी बहती हैं। ये नदियाँ कृषि और जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कैमूर जिले के बारे में जाने कुछ विशेष बातें
2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार के कैमूर जिले के जनसांख्यिकीय आंकड़े निम्नलिखित हैं–
- जनसंख्या घनत्व: 488 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर, जो राज्य में सबसे कम है।
- लिंगानुपात: उपलब्ध स्रोतों में कैमूर जिले के लिंगानुपात के सटीक आंकड़े नहीं मिले हैं, हालांकि, बिहार राज्य का औसत लिंगानुपात 918 है।
- साक्षरता दर: 69.34%, जिसमें पुरुषों की तुलना में महिलाओं की साक्षरता दर कम है।
कैमूर जिले के कॉलेज शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय
कैमूर जिले में उच्च शिक्षा के लिए कई महाविद्यालय और शिक्षण संस्थान उपलब्ध हैं। जिले में कुल 18 महाविद्यालय हैं, जिनमें से दो अंगीभूत कॉलेज हैं:
- सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय, भभुआ
- ग्राम भारती महाविद्यालय, रामगढ़
NOTE:- इनके अलावा, जिले में कुछ संबद्ध महाविद्यालय भी हैं
- मनोरमा देवी रामरती पटेल डिग्री महिला महाविद्यालय, भभुआ
- महाराणा प्रताप महाविद्यालय, मोहनिया
- शहीद संजय सिंह महिला महाविद्यालय, भभुआ
जिले में एक राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) भी है!
- राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, इटाढ़ी, भभुआ: यह संस्थान तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है।
हालांकि, जिले में महिला अंगीभूत कॉलेज की कमी है, जिससे छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
History of Kaimur: संस्कृति और प्रकृति का अनूठा संगम है। यह न केवल धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है, बल्कि अपने खूबसूरत झरनों, पहाड़ियों और किलों के कारण पर्यटन का भी मुख्य केंद्र है। यदि आप ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता को नजदीक से देखना चाहते हैं, तो कैमूर जिला घूमने जरूर जाएं और यह हर एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी बन चुका है।
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