Saturday, June 14, 2025
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राजनीति से जुड़ा है कासगंज का इतिहास, जाने विस्तार से…

History of Kasganj: कासगंज जिला उत्तर प्रदेश का 17वाँ जिला है और इसका पहले नाम काशीराम नगर था जो की राजनेता कांशीराम के नाम पर रखा गया था लेकिन बाद में 2012 में काशीराम नगर से इसका नाम बदलकर कासगंज रखा गया। कासगंज (एटा) जिला उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक नगर है, जिसे पहले कासगंज तहसील के रूप में जाना जाता था। 17 अप्रैल 2008 को इसे एटा जिले से अलग करके एक नया जिला बनाया गया। इसका आधिकारिक नाम “कांशीराम नगर” रखा गया था, लेकिन बाद में इसे फिर से “कासगंज” कर दिया गया। यह गंगा और काली प्रमुख नदियां हैं।

कासगंज का ऐतिहासिक महत्व (Historical importance of Kasganj)

  1. प्राचीन इतिहास – कासगंज का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा माना जाता है। यह क्षेत्र प्राचीन पंचाल राज्य का हिस्सा था।
  2. मुगल और राजपूत शासन – मध्यकाल में यह क्षेत्र राजपूत और मुगल शासकों के अधीन रहा। मुगलों के समय यह एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र था।
  3. 1857 का स्वतंत्रता संग्राम – ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुए 1857 के विद्रोह में कासगंज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।
  4. आधुनिक युग – स्वतंत्रता के बाद यह क्षेत्र एटा जिले का हिस्सा रहा, लेकिन 17 अप्रैल 2008 में इसे एक अलग जिला घोषित किया गया।

भूगोल और संस्कृति (Geography and Culture)

  • स्थिति – कासगंज उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है और अलीगढ़, एटा, बदायूं और फर्रुखाबाद जिलों से घिरा हुआ है।
  • संस्कृति – यहाँ की भाषा मुख्य रूप से हिंदी और ब्रजभाषा है। यहाँ के लोग कृषि और व्यापार से जुड़े हुए हैं।
  • त्योहार – कासगंज में होली, दीपावली, रामनवमी और मोहर्रम जैसे त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।

आर्थिक और सामाजिक जीवन (Economic and Social life)

History of Kasganj: कासगंज की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और छोटे व्यापारों पर निर्भर है। यहाँ आलू, गेहूं, गन्ना और सरसों की खेती प्रमुखता से होती है।

कासगंज: एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल

History of Kasganj: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में कई महत्वपूर्ण मंदिर और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था और आकर्षण के केंद्र हैं। प्रमुख मंदिरों का विवरण निम्नलिखित है:

  • मां पाटलावती देवी मंदिर, पटियाली:- पटियाली तहसील क्षेत्र में स्थित यह मंदिर हजारों वर्षों से धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है। मान्यता है कि द्वापर युग में राजा द्रुपद और गुरु द्रोणाचार्य की कुल देवी मां पाटलावती थीं। कहा जाता है कि पांडवों ने द्रौपदी के स्वयंवर से पूर्व यहां दर्शन किए थे।
  • योगेश्वर महादेव मंदिर, सोरों:– तीर्थ नगरी सोरों में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि यहां जप करने और ‘राम-राम’ लिखने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर की स्थापना द्वापर युग में राजा सोमदत्त सोलंकी द्वारा की गई थी।
चामुंडा देवी मंदिर, कासगंज:- 19वीं शताब्दी में स्वर्गीय ठाकुर विरी सिंह द्वारा निर्मित यह मंदिर देवी दुर्गा के चामुंडा रूप को समर्पित है। दुर्गा महोत्सव के अवसर पर यहां वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है।
Chamunda Devi Mandir (Kasganj)
  • भीमसेन घंटा मंदिर, नदरई:- कासगंज शहर से लगभग 4 किलोमीटर पश्चिम में नदरई गांव में स्थित इस शिव मंदिर का मुख्य आकर्षण 194 वर्ष पुराना अष्टधातु से निर्मित विशाल घंटा है। यह घंटा अंग्रेजों द्वारा एंग्लो-बर्मा युद्ध में बहादुरी के लिए भीमसेन नामक जमींदार को उपहार स्वरूप दिया गया था, जिसे उन्होंने मंदिर में स्थापित कराया।
  • शेरनाथ मंदिर, कासगंज:- रेलवे रोड पर स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर नाथ संप्रदाय की देखरेख में है और स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।
  • पारना मठ, कासगंज:- आवास विकास कॉलोनी में स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर 16वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था। कहानियों के अनुसार, मंदिर के नीचे सुरंग और तहखाने होने की बात कही जाती है, जो इसे और भी रहस्यमय बनाता है।
  • शीतला माता मंदिर, सोरों गेट:- कासगंज के सोरों गेट पर स्थित यह प्राचीन मंदिर माता शीतला को समर्पित है और स्थानीय भक्तों के बीच विशेष मान्यता रखता है।
  • सीताराम मंदिर, सोरों:- सोरों में एक ऊंचे टीले पर स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की उत्कृष्ट नक्काशी से शुशोभित है। कहा जाता है कि यह स्थान स्वामी हरिहरदास जी की साधना स्थली रही है और संगीत साधना का केंद्र रहा है।

History of Kasganj: इन मंदिरों के अलावा, कासगंज जिले में अन्य कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं, जो इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

प्रमुख कृषि एवं उद्योगों का संगम (Confluence of major agriculture and industries)

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में प्रमुख उद्योग, धंधे और कृषि गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:

1. प्रमुख उद्योग और धंधे:

  1. चावल और दाल मिलें: कासगंज में धान और दलहन की अच्छी पैदावार होती है, जिससे यहां कई चावल और दाल मिलें स्थापित हैं।
  2. गुड़ और चीनी उद्योग: गन्ने की खेती के कारण जिले में गुड़ बनाने की भट्टियाँ और चीनी मिलें मौजूद हैं।
  3. हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग: लकड़ी के सामान, मिट्टी के बर्तन, और हस्तनिर्मित वस्त्र उद्योग भी यहां लोकप्रिय हैं।
  4. रंगाई और बुनाई उद्योग: पारंपरिक वस्त्रों की बुनाई और रंगाई का काम भी किया जाता है।
  5. छोटे और मध्यम व्यापार: कासगंज के स्थानीय बाजारों में कपड़ा, खाद्यान्न, इलेक्ट्रॉनिक्स, और रोजमर्रा के सामानों का व्यापार मुख्य रूप से चलता है।

2. प्रमुख कृषि उत्पाद:

  1. गेहूं और चावल: जिले की मुख्य फसलें हैं, जो बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं।
  2. गन्ना: यहां गन्ने की खेती भी बड़े स्तर पर होती है, जिससे गुड़ और चीनी उत्पादन होता है।
  3. आलू और सरसों: आलू और सरसों की खेती भी किसानों के लिए लाभदायक मानी जाती है।
  4. दलहन और तिलहन: मूंग, उड़द, मसूर जैसी दालें उगाई जाती हैं।
  5. फल और सब्जियां: केला, अमरूद, पपीता और विभिन्न सब्जियों की खेती भी की जाती है।

3. रोजगार के अन्य साधन:

  • डेयरी और पशुपालन: दुग्ध उत्पादन और पशुपालन किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • मछली पालन: कुछ क्षेत्रों में मत्स्य पालन भी किया जाता है।
  • ट्रांसपोर्ट और लघु व्यापार: लोग ट्रांसपोर्ट व्यवसाय, छोटे दुकानों और अन्य व्यवसायों में भी संलग्न हैं।

History of Kasganj: कासगंज का आर्थिक आधार मुख्य रूप से कृषि और कृषि आधारित उद्योगों पर टिका हुआ है, और छोटे पैमाने पर व्यापार भी जिले की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कासगंज की जनसंख्या: बढ़ते शहरीकरण और ग्रामीण विकास की दिशा

जनसंख्या और जनसंख्या घनत्व: 2011 की जनगणना के अनुसार, कासगंज जिले की कुल जनसंख्या 14,36,719 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 7,64,165 और महिलाओं की संख्या 6,72,554 है। जनसंख्या घनत्व 735 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

लिंग अनुपात: जिले में प्रति 1,000 पुरुषों पर 880 महिलाएं हैं, जो लिंग अनुपात को दर्शाता है।

साक्षरता दर: कासगंज जिले की औसत साक्षरता दर 61.02% है। पुरुष साक्षरता दर 71.56% और महिला साक्षरता दर 49.00% है।

पंचायत व्यवस्था: प्रशासनिक दृष्टि से, कासगंज जिले को 3 तहसीलों (कासगंज, पटियाली, सहावर) और 7 विकासखंडों (कासगंज, सोरों, पटियाली, गंजडुण्डवारा, सिढपुरा, सहावर, अमांपुर) में विभाजित किया गया है। जिले में कुल 715 गांव और 423 ग्राम पंचायतें हैं।

प्रमुख भोजन संस्कृति: स्वादिष्ट परंपरागत पकवान

History of Kasganj: कासगंज का खानपान उत्तर भारतीय और अवधी व्यंजनों से प्रभावित है। यहाँ के स्थानीय भोजन में पारंपरिक उत्तर भारतीय स्वाद देखने को मिलता है। कुछ प्रमुख व्यंजन इस प्रकार हैं:

1. नाश्ता और स्ट्रीट फूड:

  • कचौड़ी और सब्जी – सुबह के नाश्ते में मसालेदार कचौड़ी और आलू की सब्जी काफी लोकप्रिय है।
  • जलेबी – मीठे में गरमा-गरम जलेबी भी खूब पसंद की जाती है।
  • समोसा – आलू भरे कुरकुरे समोसे शहर में हर जगह मिलते हैं।
  • पानीपुरी (गोलगप्पे) और चाट – सड़क किनारे मिलने वाली टिक्की, दही भल्ले, और पानीपुरी भी कासगंज के पसंदीदा स्ट्रीट फूड में शामिल हैं।

2. मुख्य भोजन (लंच/डिनर):

  • दाल, चावल, रोटी और सब्जी – घरों में आमतौर पर चना दाल, अरहर दाल, और मिक्स सब्जियां बनाई जाती हैं।
  • बाटी-चोखा – बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से प्रभावित यह व्यंजन भी यहाँ पसंद किया जाता है।
  • मटर पुलाव और कढ़ी चावल – खास मौकों पर लोग इन्हें बड़े चाव से खाते हैं।

3. मिठाइयाँ:

  • पेड़ा – कासगंज और आसपास के इलाकों में दूध से बनी मिठाइयाँ मशहूर हैं।
  • खोया बर्फी – यहाँ की खोया से बनी बर्फी स्वादिष्ट होती है।
  • गुलाब जामुन और रसगुल्ला – ये मिठाइयाँ हर मिठाई की दुकान पर मिलती हैं।

4. पेय पदार्थ:

  • लस्सी – गर्मियों में ठंडी-मीठी लस्सी काफी लोकप्रिय होती है।
  • गन्ने का रस – यह भी गर्मियों में खूब पिया जाता है।
  • चाय – अदरक और इलायची वाली चाय हर जगह मिलती है।

5. विशेष अवसरों के व्यंजन:

  • त्योहारों पर गुजिया, मालपुआ, सेवईं, और पंजीरी बनाई जाती हैं।
  • शादी-ब्याह में शाही पनीर, दम आलू, पूड़ी और मटर पुलाव का विशेष प्रचलन है।

कासगंज का खानपान उत्तर प्रदेश की पारंपरिक स्वादिष्टता को दर्शाता है, जहाँ मसालेदार व्यंजन और मीठे पकवान दोनों की भरमार है।

कासगंज में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का प्रभाव: शिक्षा का भविष्य

History of Kasganj: कासगंज जिले में विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थान स्थित हैं, जो छात्रों को विविध शैक्षणिक विकल्प प्रदान करते हैं। प्रमुख कॉलेज और शिक्षण संस्थान निम्नलिखित हैं:

  • के. ए. (पी. जी.) कॉलेज, कासगंज:- यह महाविद्यालय कला, वाणिज्य, विज्ञान और व्यावसायिक अध्ययन के संकायों के साथ एक प्रमुख संस्थान है। यह राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ से संबद्ध है। महाविद्यालय में सुयोग्य शिक्षकों और कठोर अनुशासन के कारण एक सुव्यवस्थित शैक्षणिक वातावरण बना रहता है।
  • राजकीय पॉलिटेक्निक सोरो, कासगंज:- 1983 में स्थापित यह सरकारी तकनीकी शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से संबद्ध है और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा अनुमोदित है। यह सिविल इंजीनियरिंग (पर्यावरण प्रदूषण और नियंत्रण), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (उत्पादन) और आर्किटेक्चरल असिस्टेंटशिप में डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • श्री श्री इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (SSITM), कासगंज:- यह एक निजी संस्थान है जो डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ से संबद्ध है। संस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। कुल शुल्क लगभग 2,00,000 रुपये है।
श्री श्याम सुंदर डिग्री कॉलेज (SSSDC), दरियावगंज:- यह निजी महाविद्यालय डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से संबद्ध है और कला संकाय में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • बी. एस. भूप डिग्री कॉलेज, कासगंज:- यह महाविद्यालय डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से संबद्ध है और बी.एड. पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • वी. के. जैन कॉलेज ऑफ एजुकेशन, कासगंज:- यह निजी महाविद्यालय डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से संबद्ध है और बी.एड. पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
B.K. Jain College of Education (Kasganj)
  • डॉ. इस्लाम मजीद डिग्री कॉलेज, कासगंज:- यह महाविद्यालय डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से संबद्ध है और बी.ए. पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • क्रिश्चियन हॉस्पिटल स्कूल ऑफ नर्सिंग, कासगंज:- यह निजी संस्थान बी.एससी. नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • राम प्रकाश यादव महाविद्यालय, तुलसीनगर, कासगंज:- यह महाविद्यालय डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से संबद्ध है और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बी.टेक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • तारा देवी महाविद्यालय, कासगंज:- यह निजी महाविद्यालय बी.एड. पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • एम. आर. डिग्री कॉलेज, कासगंज:- यह महाविद्यालय बी.ए. पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • एन. पी. जी. कॉलेज, कासगंज:- यह महाविद्यालय कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बी.टेक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

इसके अतिरिक्त, कासगंज में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की योजना है। हालांकि, पीपीपी (PPP) मॉडल पर बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज के लिए अभी तक साझेदार नहीं मिल पाया है, जिससे निर्माण प्रक्रिया में देरी हो रही है। इन संस्थानों के माध्यम से, कासगंज जिले के छात्र विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनके करियर और व्यक्तिगत विकास में सहायता मिलती है।

विशेष:-

History of Kasganj: कासगंज एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। इसकी विरासत और परंपराएँ इसे उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में से एक बनाती हैं।

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Raushan Singh
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I am a passionate blogger from Samastipur, Bihar. Since childhood, I had a desire to do something for my village, society and country, which I am trying to fulfill through "The Samastipur" platform. Please give your blessings to help roar.
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