विषयसूची
कटिहार जिले का सम्पूर्ण इतिहास
Katihar की भौगोलिक स्थिति
कटिहार की जनसंख्या एवं लिंगानुपात
कृषि और फसलें
कटिहार की ऐतिहासिक जानकारी
Katihar में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है
कटिहार जिले के प्रमुख संस्थान कॉलेज और विश्वविद्यालय
विशेष:
History of Katihar (कटिहार जिले का सम्पूर्ण इतिहास)
History of Katihar: कटिहार जिला बिहार राज्य के पूर्वी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है, बिहार के सबसे बड़े जिले के रूप में भी जाना जाता है जिसका मुख्यालय कटिहार नगर है। कटिहार जिले का क्षेत्रफल 3016 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। वही पुरानी मान्यताओं के अनुसार कटिहार संस्कृत शब्द कठिवर यानी लकड़ी का दरवाजा से बना है और इसके साथ पुरानी कीवंदती यह है की यह काठी नमक स्थानीय जनजाति से बना है। यह जिला 2 अक्टूबर 1973 को पूर्णिया से विभाजित होकर स्वतंत्र जिला बना। कटिहार जिले को बिहार की जट राजा ने भी कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत सारी झूठ या यूँ कहें कि जूट (Jute) मिले हैं और झूठ का उत्पादन बड़े तादाद पर यहां होता है।
कटिहार जिला की भौगोलिक स्थिति
यह जिला गंगा, कोसी, महानंदा और रिगा जैसी प्रमुख नदियों से घिरा हुआ है, जो इसे कृषि और जल संसाधनों के लिए समृद्ध बनाते हैं। कटिहार जिले में नदियां होने के कारण यहां खेती की परंपरा प्रचलित है और अधिकांश लोगों का जीवन खेती पर डिपेंड है।
कटिहार की जनसंख्या एवं लिंगानुपात:
2011 की जनगणना के अनुसार, कटिहार जिले की कुल जनसंख्या 30,71,029 है, जिसमें प्रति 1000 पुरुषों पर 916 महिलाएँ हैं।
कृषि और फसलें:
कटिहार की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर निर्भर है। यहाँ मक्का, गेहूँ, केला और धान प्रमुख फसलें हैं। इसके अलावा, आलू, प्याज और फूलगोभी जैसी सब्जियों का भी व्यापक उत्पादन होता है।
Katihar की ऐतिहासिक जानकारी:
कटिहार का इतिहास समृद्ध और विविधतापूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मनिहारी (कटिहार का एक धार्मिक स्थल) में अपनी मणि खो दी थी। मुगल शासन के दौरान, यह क्षेत्र सरकार ताजपुर और सरकार पूर्णिया के अधीन था। बाद में, 13वीं शताब्दी की शुरुआत में, यह क्षेत्र मुस्लिम शासन के अधीन आया। 1770 में, मोहम्मद अली खान के शासनकाल में, यह क्षेत्र अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया।
कटिहार में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है?
Katihar में कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें त्रिमोहिनी संगम, बाल्दीबाड़ी, बेलवा, दुभी-सुभी, गोगाबिल झील, नवाबगंज, मनिहारी और कल्याणी झील प्रमुख हैं। त्रिमोहिनी संगम गंगा, कोसी और महानंदा नदियों का संगम स्थल है, जो धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। कटिहार जिले का काली मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है और यहां दूर-दूर से लोग अपनी मानते मांगने और पूजा पाठ करने आते हैं।
कटिहार जिला अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व के लिए जाना जाता है, जो इसे बिहार के प्रमुख जिलों में से एक बनाता है।
History of Katihar इस जिले के प्रमुख संस्थान कॉलेज और विश्वविद्यालय
कटिहार जिले में कई प्रमुख कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थित हैं, जो उच्च शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। नीचे कुछ प्रमुख संस्थानों की सूची दी गई है:
- डीएस कॉलेज या दर्शन शाह कॉलेज – यह कटिहार का सबसे पुराना कॉलेज है और 1953 में इसकी स्थापना हुई थी।यह कॉलेज कला,विज्ञान,वाणिज्य में स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम निर्धारित करता है।
- कटिहार टीचर्स ट्रेंनिंग कॉलेज – यह कॉलेज कटिहार में B.Ed में प्रशिक्षण प्रदान करता है और कई छात्राएं यहां आकर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
- केबी झा कॉलेज – यह कॉलेज 1976 ईस्वी में स्थापित हुआ था और यहां अन्य पाठ्यक्रमों के अलावा यहाँ बीबीए और बीसीए की पढ़ाई होती है।
- अल करीम विश्वविद्यालय – विश्वविद्यालय की स्थापना 2018 इसी में भी और चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में पाठ्यक्रम निर्धारित करता है और कटिहार मेडिकल कॉलेज इसी का रूप है और यह कॉलेज बहुत ही फेमस है। कई राज्यों के स्टूडेंट यहां मेडिकल की पढ़ाई करते हैं और अपना भविष्य संवारते हैं।
विशेष:
इन संस्थानों के माध्यम से, कटिहार जिला उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिससे छात्रों को विभिन्न विषयों में शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलते हैं। इस तरह कटिहार बिहार का एक शांत और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है और इसका इतिहास काफी पुराना रहा है।
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