Wednesday, April 30, 2025
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History of Khagaria: खगड़िया जिला का स्थापना, विरासत और प्रमुख घटनाएँ…

History of Khagaria

खगड़िया जिला बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और यह कोसी एवं गंगा नदियों के किनारे बसा हुआ है। इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व बहुत ही खास है। खगड़िया जिले को फटकिया परगना भी कहा जाता था और यह सात नदियों का संगम क्षेत्र भी कहलाता है।

प्राचीन इतिहास

खगड़िया का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र महाभारत काल में अंग प्रदेश का हिस्सा माना जाता था। अंग प्रदेश की राजधानी चंपा (वर्तमान भागलपुर) थी। यह क्षेत्र गंगा और कोसी नदियों के प्रभाव में रहने के कारण उपजाऊ भूमि वाला रहा है, जिससे यहाँ मानव सभ्यता बहुत पहले से विकसित थी।

History of Khagaria: मध्यकालीन इतिहास

मध्यकाल में यह क्षेत्र विभिन्न राजवंशों के शासन के अधीन रहा। पाल, सेन और मुगल शासकों ने इस क्षेत्र पर शासन किया। मुगलों के बाद यह क्षेत्र अंग्रेजों के प्रभाव में आ गया।

ब्रिटिश शासन काल

ब्रिटिश शासन के दौरान खगड़िया क्षेत्र कोसी और गंगा नदियों के कारण जलभराव और बाढ़ से प्रभावित रहता था। ब्रिटिश प्रशासन ने इस क्षेत्र में रेल लाइनें और संचार व्यवस्थाएँ विकसित करने का प्रयास किया। पहले यह क्षेत्र मुंगेर जिले का हिस्सा था।

स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक इतिहास

स्वतंत्रता संग्राम में खगड़िया के लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। 1947 में भारत की आजादी के बाद यह क्षेत्र बिहार राज्य का हिस्सा बना और 10 मई 1981 को इसे पूर्ण रूप से एक स्वतंत्र जिला घोषित किया गया। इससे पहले यह मुंगेर जिले का हिस्सा था। 1943 44 में खगड़िया अनुमंडल बना इसके पहले 1870 में बेगूसराय अनुमंडल के अधीन था।

History of Khagaria: भौगोलिक स्थिति

खगड़िया जिला उत्तर में सुपौल, पूर्व में सहरसा और भागलपुर, पश्चिम में बेगूसराय, और दक्षिण में मुंगेर जिले से घिरा हुआ है, यह क्षेत्र कोसी, बागमती, कमला और गंगा नदियों से प्रभावित रहता है, जिससे बाढ़ यहाँ की प्रमुख समस्या बनी हुई है।

संस्कृति और परंपरा

खगड़िया जिले की संस्कृति मुख्य रूप से मैथिली, अंगिका और भोजपुरी भाषाओं से प्रभावित है। यहाँ के लोग कृषि पर निर्भर हैं, और मक्के की खेती यहाँ विशेष रूप से की जाती है। छठ पूजा, दुर्गा पूजा, और होली यहाँ के प्रमुख त्यौहार हैं।

आर्थिक और सामाजिक विकास

खगड़िया जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। यहाँ धान, मक्का, गेहूँ और गन्ने की खेती प्रमुखता से की जाती है। इसके अलावा, यहाँ का व्यापार और छोटे उद्योग भी धीरे-धीरे विकसित हो रहे हैं।

खगड़िया जिले में घूमने लायक जगहें कौन सी हैं?

बिहार के खगड़िया जिले में कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल हैं, जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थलों की जानकारी नीचे दी गई है-

बुढ़ी गंडक और गंगा नदी “संगम

खगड़िया जिला नदियों से घिरा हुआ है, जिसमें गंगा, कोसी और बुढ़ी गंडक प्रमुख हैं। इन नदियों का संगम क्षेत्र एक खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है, जहां सैर-सपाटा और प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहतरीन दृश्य मिलते हैं।

कात्यायनी मंदिर, जयमंगला गढ़

Katyayani Temple, Jayamangala Gadh (History of Khagaria)

यह मंदिर जयमंगला गढ़ में स्थित है और देवी कात्यायनी को समर्पित है। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है और नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। मंदिर के पास एक सुंदर झील भी है, जिससे इसका सौंदर्य और बढ़ जाता है।

भदास का गढ़ (Budhas Fort)

यह खगड़िया जिले का एक ऐतिहासिक स्थल है, जो प्राचीन काल के किलों में से एक माना जाता है। हालांकि अब यह स्थान खंडहर में बदल चुका है, फिर भी यह इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

चंदा धर्मपुर शिव मंदिर

यह भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां महाशिवरात्रि और श्रावण मास में भारी संख्या में भक्त आते हैं धार्मिक महत्व के कारण यह स्थान खगड़िया जिले के प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है।

कोसी नदी का पुल (Kosi River Bridge)

यह पुल खगड़िया जिले के लिए एक महत्वपूर्ण संरचना है, जो कोसी नदी पर बना है।इस पुल से गुजरते समय कोसी नदी की सुंदरता और आसपास के हरियाली भरे दृश्य देखने को मिलते हैं।

नवगछिया वन्यजीव अभयारण्य (Naugachia Wildlife Sanctuary) [नज़दीकी स्थल]

यह अभयारण्य खगड़िया जिले के पास स्थित है और वन्यजीव प्रेमियों के लिए शानद यहां विभिन्न प्रकार के पक्षी और जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।

गोगरी का किला

खगड़िया के गोगरी क्षेत्र में स्थित एक पुराना किला है, जो इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए देखने लायक जगह है।

बेला सिमरी का मेला

यह एक प्रसिद्ध ग्रामीण मेला है, जहां स्थानीय कला, संस्कृति और परंपराओं को देखने का मौका मिलता है। खगड़िया जिला प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक स्थलों से भरपूर है। यहां के मंदिर, किले और नदी तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अगर आप शांति, आध्यात्मिकता और इतिहास में रुचि रखते हैं, तो यह जगह आपके लिए बेहतरीन साबित हो सकती है।

खगड़िया जिले की जनसंख्या कितनी है?

बिहार के खगड़िया जिले की जनसंख्या, जनसंख्या घनत्व, लिंग अनुपात और साक्षरता दर के बारे में निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध है:

जनसंख्या

  • कुल जनसंख्या: 16,66,886
    • ग्रामीण जनसंख्या: 15,79,727
    • शहरी जनसंख्या: 87,159
  • पुरुष जनसंख्या: 8,83,786
  • महिला जनसंख्या: 7,83,100

जनसंख्या घनत्व

प्रति वर्ग किलोमीटर: 1,122 व्यक्ति

लिंग अनुपात

प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाएं: 886

साक्षरता दर

  • कुल साक्षरता दर: 57.92%
    • पुरुष साक्षरता दर: 65.25%
    • महिला साक्षरता दर: 49.56%

यह आंकड़े 2011 की जनगणना पर आधारित हैं।

Khagaria जिले के प्रमुख शिक्षण संस्थान कॉलेज और विश्वविद्यालय:

खगड़िया जिला शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है, जिससे यह उच्च शिक्षा का एक उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा है। जिले में प्रमुख कॉलेज, शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय निम्नलिखित हैं

Khagaria जिले में कोशी कॉलेज, महिला कॉलेज, केडीएस कॉलेज, के डी एम कॉलेज,अवध बिहारी संस्कृत कॉलेज,राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रमुख है|इसके अतिरिक्त, जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की योजना है, जिसके लिए परबत्ता प्रखंड के सौढ़ मौजा में भूमि चिन्हित की गई है। यह पहल खगड़िया को शिक्षा के हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इन संस्थानों की स्थापना और विकास से खगड़िया जिले में शिक्षा का स्तर निरंतर उन्नत हो रहा है, जिससे स्थानीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अन्यत्र जाने की आवश्यकता कम होती जा रही है।

History of Khagaria: विशेष

History of Khagaria: खगड़िया जिला अपने ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह बिहार का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो प्राकृतिक संसाधनों और ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध है।

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Raushan Singh
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