विषयसची
प्राचीन इतिहास
मध्यकालीन इतिहास
आधुनिक इतिहास
सांस्कृतिक विरासत
Madhubani मधुबनी जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल एवं मंदिर
Madhubani जिले का प्रमुख भोजन
मधुबनी जिले के प्रमुख उद्योग
विशेष
History of Madhubani: मधुबनी जिला बिहार का एक महत्वपूर्ण जिला है और यह मिथिला संस्कृति का केंद्र माना जाता है। मधुबनी नेपाल के पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ एक खूबसूरत जिला है और खूबसूरत गांव और प्राचीन कला संस्कृति को अपने में समेटे हुए हैं। मधुबनी जिला, बिहार राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत समृद्ध क्षेत्र है। यह क्षेत्र प्राचीन मिथिला का केंद्र रहा है, जो अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
प्राचीन इतिहास
वैदिक काल में, यह क्षेत्र विदेह राज्य का हिस्सा था, जिसकी राजधानी जनकपुर थी। राजा जनक की पुत्री, देवी सीता, का जन्म यहीं हुआ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बेनीपट्टी के पास स्थित फुलहर गाँव में सीता देवी पूजा के लिए फूल एकत्रित करती थीं। इसके अलावा, पंडौल क्षेत्र से यह भी जुड़ी मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान यहाँ समय बिताया था।
History of Madhubani: मध्यकालीन इतिहास
मौर्य, शुंग, कण्व, और गुप्त साम्राज्यों के अधीन रहने के बाद, 13वीं सदी में यह क्षेत्र ओइनवार राजाओं के नियंत्रण में आया। उन्होंने सुगौना (मधुबनी के निकट) को अपनी पहली राजधानी बनाया, जो बाद में दरभंगा स्थानांतरित हुई। ओइनवार शासकों ने कला, संस्कृति, और साहित्य को प्रोत्साहित किया, जिससे मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर समृद्ध हुई।
आधुनिक इतिहास
ब्रिटिश शासन के दौरान, 1846 में मधुबनी को तिरहुत के अधीन अनुमंडल बनाया गया। 1875 में दरभंगा के स्वतंत्र जिला बनने पर यह उसका हिस्सा बना। स्वतंत्रता संग्राम में मधुबनी ने सक्रिय भूमिका निभाई, विशेषकर महात्मा गांधी के खादी आंदोलन और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में। 1972 में, दरभंगा जिले के विभाजन के पश्चात, मधुबनी एक स्वतंत्र जिला बना।
History of Madhubani: सांस्कृतिक विरासत
मधुबनी अपनी विश्वप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग के लिए जाना जाता है, जो प्रारंभ में रंगोली के रूप में प्रचलित थी और अब कपड़े, दीवारों, और कागज पर बनाई जाती है। यह कला मुख्यतः महिलाओं द्वारा विकसित की गई थी, लेकिन अब पुरुष भी इसमें सक्रिय हैं। मधुबनी रेलवे स्टेशन की दीवारों पर 10,000 वर्ग फीट में फैली मिथिला पेंटिंग इसकी सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण है। ऐसी मान्यता है कि मधुबनी पेंटिंग की शुरुआत राजा जनक ने माता सीता और भगवान राम की विवाह समारोह पर किया था और उनके विवाह पर मधुबनी पेंटिंग को बनाया था और तभी से मधुबनी पेंटिंग की शुरुआत हुई और मधुबनी जिला मधुबनी पेंटिंग का प्रतीक बना।
Madhubani जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल एवं मंदिर
मधुबनी, बिहार का एक सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध जिला है, जहां कई मंदिर और दर्शनीय स्थल स्थित हैं-
- उच्चचैठ भगवती मंदिर- यह मंदिर देवी भगवती को समर्पित है और इस बात से प्रसिद्ध है कि कालिदास को यही दर्शन दिए थे।

- कपिलेश्वर स्थान- क्या मधुबनी से तकरीबन 9 किलोमीटर दूर एक पवित्र स्थान है भगवान शिव को समर्पित है। दूर-दूर से भक्तजन इस मंदिर को दर्शन करने के लिए आते हैं।

- सोमनाथ महादेव मंदिर- अभी मधुबनी में स्थित है और भगवान महादेव को समर्पित बेहद प्रतिष्ठित मंदिर है।

- राजनगर काली मंदिर- सफेद संगमरमर से बना माता के मंदिर बेहद सुंदर और अद्भुत है वही नवरात्रों में यहां भक्त जनों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

- उगना महादेव मंदिर- यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है और स्थानीय लोगों की आस्था का प्रतीक है।

Madhubani जिले का प्रमुख भोजन
- माछ-भात– मिथिला क्षेत्र में मछली का विशेष महत्व है और इसे चावल के साथ खाया जाता है।
- दही-चूड़ा– त्योहारों और खास मौकों पर लोग दही और चूड़ा का सेवन करते हैं।
- ठेकुआ– यह एक पारंपरिक मिठाई है, जिसे खासकर छठ पूजा के दौरान बनाया जाता है।
- पिरुकिया– यह गुड़ और सूजी से भरी हुई मीठी पूड़ी होती है।
- खाजा– यह पारंपरिक मिठाइयों में से एक है, जिसे शादियों और त्योहारों में बनाया जाता है।
Madhubani जिले के प्रमुख उद्योग
- मधुबनी पेंटिंग उद्योग– यह जिले की सबसे प्रसिद्ध कला और उद्योग है, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस चित्रकला को बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों और हस्तनिर्मित कागज का उपयोग किया जाता है।
- हस्तशिल्प और बांस उद्योग– यहाँ बांस और लकड़ी से विभिन्न हस्तशिल्प उत्पाद बनाए जाते हैं।
- मखाना उत्पादन– मधुबनी जिले में मखाना उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, जो भारत और विदेशों में निर्यात किया जाता है।
- कृषि आधारित उद्योग– चावल, गेहूं, मक्का, और दलहन उत्पादन के साथ-साथ कृषि से जुड़े उद्योग जैसे आटा मिल और तेल मिल यहाँ प्रचलित हैं।
- दूध और डेयरी उद्योग– मधुबनी में डेयरी उद्योग भी विकसित हो रहा है, जहाँ दुग्ध उत्पादों का व्यापार होता है।
- हथकरघा और वस्त्र उद्योग – यहाँ पारंपरिक वस्त्र जैसे कि मिथिला साड़ी, सूती और सिल्क कपड़ों का उत्पादन किया जाता है।
- मछली पालन उद्योग– जिले के कई क्षेत्रों में तालाबों और नदियों के माध्यम से मछली पालन किया जाता है, जिससे रोजगार और व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
विशेष:
History of Madhubani: मधुबनी का खान-पान और उद्योग इसकी समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर को दर्शाता है, जिससे यह क्षेत्र पूरे देश में प्रसिद्ध है। अपनी मिथिला संस्कृति और मधुबनी पेंटिंग को आज भी यह अपने में संजोए और समेटे हुए है।
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