Sunday, June 15, 2025
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History of Mahoba: महोबा की ऐतिहासिक झलक, बुंदेलखंड की परंपरा और गौरवगाथा…

History of Mahoba: उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक जिला है, इसको महोत्सव का नगर या त्यौहार का नगर भी कहा जाता है जिसका इतिहास वीरता, प्रेम और संघर्ष से भरा हुआ है। यह क्षेत्र बुंदेलखंड में स्थित है और इसकी पहचान खासतौर पर चंदेल वंश की राजधानी के रूप में होती है। महोबा का इतिहास 11वीं और 12वीं शताब्दी के दौरान अपने चरम पर था, जब यह चंदेल राजाओं के अधीन था। यह 11 फरवरी 1995 को हमीरपुर से अलग होकर अलग जिला बना और अपने नए रूप में आया।

ऐतिहासिक महत्व Mahoba

  1. चंदेल वंश और महोबा
    • महोबा 9वीं से 13वीं शताब्दी के बीच चंदेल शासकों की राजधानी थी।
    • चंदेल वंश के राजा किर्तिवर्मन और विद्याधर ने यहां कई किले, तालाब और मंदिर बनवाए।
    • खजुराहो के मंदिर भी चंदेल शासकों द्वारा बनवाए गए थे।
  2. प्रतिहारों और महोबा
    • चंदेलों से पहले यह क्षेत्र गुर्जर-प्रतिहारों के अधीन था।
    • चंदेलों ने प्रतिहारों को हराकर महोबा को अपनी राजधानी बनाया।
  3. आल्हा-ऊदल की वीरगाथा
    • महोबा आल्हा और ऊदल की वीरता के लिए प्रसिद्ध है, जो चंदेल राजा परमर्दिदेव (परमाल) के वीर योद्धा थे।
    • इनकी कहानियां बुंदेलखंड और उत्तर भारत में लोकगीतों के रूप में प्रचलित हैं।
    • इनकी सबसे प्रसिद्ध लड़ाई 1194 ई. में पृथ्वीराज चौहान से हुई थी।
  4. मोहम्मद गौरी का आक्रमण (1203 ई.)
    • 1203 ई. में मोहम्मद गौरी ने महोबा पर आक्रमण किया और चंदेल राजा परमर्दिदेव को पराजित किया।
    • इसके बाद धीरे-धीरे चंदेलों का पतन हो गया और महोबा पर दिल्ली सल्तनत का शासन स्थापित हो गया।
  5. मराठा और ब्रिटिश शासन
    • 17वीं और 18वीं शताब्दी में महोबा मराठाओं के अधीन रहा।
    • 19वीं शताब्दी में यह अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया और भारत की स्वतंत्रता तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा।

History of Mahoba: महोबा के प्रमुख ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल

Mahoba जिला (उत्तर प्रदेश) ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र चंदेल राजाओं के शासनकाल से जुड़ा हुआ है और अपने किले, मंदिरों और झीलों के लिए जाना जाता है। महोबा के प्रमुख दर्शनीय स्थल इस प्रकार हैं

History of Mahoba: क़िला और ऐतिहासिक स्थल

  • महोबा किला – चंदेल शासकों द्वारा निर्मित यह किला ऐतिहासिक लड़ाइयों का साक्षी रहा है।
  • अल्हा-ऊदल की गुफा – महोबा के वीर योद्धा अल्हा-ऊदल से जुड़ी यह गुफा बहुत प्रसिद्ध है।
  • काखर गांव (अल्हा-ऊदल की जन्मस्थली) – यह गांव वीर अल्हा-ऊदल के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है।

मंदिर और धार्मिक स्थल (Temple and Religious place)

sun temple Mahoba utter Pradesh
  • सिद्ध बाबा मंदिर – यह मंदिर धार्मिक आस्था और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है।
  • शिव तांडव मंदिर – भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर महोबा के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
  • जैन तीर्थक्षेत्र (चंदेलकालीन जैन मंदिर) – जैन धर्म से संबंधित कई प्राचीन मंदिर यहां स्थित हैं।
  • ककरा रथ मंदिर – यह चंदेल साम्राज्य के समय का प्रमुख ऐतिहासिक शिव मंदिर है|
  • सूर्य मंदिर- यह चंदेल काल का प्रमुख सूर्य मंदिर है|

झीलें और प्राकृतिक स्थल (Natural Places)

Kirat Sagar Lake Mahoba utter Pradesh
  • कीरत सागर झील– यह झील चंदेल राजाओं द्वारा बनाई गई थी और इसका ऐतिहासिक महत्व है।
  • मदन सागर झील– यह झील भी चंदेल काल में बनाई गई थी और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
  • विजय सागर झील– यह एक अन्य ऐतिहासिक झील है, जिसका निर्माण विजयपाल चंदेल ने करवाया था।

History of Mahoba: अन्य दर्शनीय स्थल

  • सुकेत पहाड़– यह एक खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है और ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त है।
  • खजुराहो (महोबा से नजदीक)– विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिर महोबा के पास स्थित हैं और पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण हैं।

महोबा ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा संगम है, जो इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक अद्भुत स्थान है।

प्रमुख उद्योग-धंधे

  • गिट्टी और पत्थर खनन उद्योग – महोबा ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पत्थर की खदानें हैं, जहाँ से निर्माण कार्यों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली गिट्टी निकाली जाती है।
  • मूंगफली प्रसंस्करण उद्योग – महोबा की मूंगफली काफी प्रसिद्ध है, और इसके तेल निकालने के छोटे-बड़े उद्योग भी यहाँ मौजूद हैं।
  • हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग – लकड़ी के सामान, हस्तनिर्मित खिलौने, और मिट्टी के बर्तन बनाने के छोटे उद्योग हैं।
  • डेयरी उद्योग – दूध और दुग्ध उत्पादों से जुड़े छोटे स्तर के उद्योग यहाँ कार्यरत हैं।
  • आटा और तेल मिलें – यहाँ कई आटा चक्की और सरसों/मूंगफली के तेल निकालने की मिलें भी पाई जाती हैं।

कृषि एवं फसलें

महोबा की जलवायु और मिट्टी विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त है। यहाँ की प्रमुख फसलें हैं-

  • मूंगफली – यह जिले की मुख्य नकदी फसल है। मूंगफली के साथ ज्वार,बाजरा, चना भी यहां बड़े पैमाने पर होता है| वही सब्जियों में आलू टमाटर लौकी खीरा का भी यहां बड़े बनाने का उत्पादन होता है और फसल उत्पादन के लिए यहां बेतवा और केन नदी का जल उपयोग किया जाता है साथ ही छोटे-छोटे तालाबों का भी उपयोग किया जाता है|

जनसांख्यिकी (Demography)

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के बारे में निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध है.

जनसंख्या

2011 की जनगणना के अनुसार, महोबा जिले की कुल जनसंख्या 8,75,958 थी। 2025 में अनुमानित जनसंख्या लगभग 10,14,885 होने का अनुमान है।

जनसंख्या घनत्व

  • 2011 में, जिले का जनसंख्या घनत्व 279 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।

लिंगानुपात

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, प्रति 1000 पुरुषों पर 878 महिलाएं थीं।

साक्षरता दर

  • कुल साक्षरता दर 65.27% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 75.83% और महिला साक्षरता दर 53.22% थी।

पंचायतें

Mahoba जिले में 4 विकास खंड (ब्लॉक) हैं। ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 247 है। महोबा आज भी अपनी ऐतिहासिक धरोहर, बुंदेली संस्कृति और वीरता की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। कि आज उत्तर प्रदेश का समृद्ध जिला बन गया है और आज बेहद प्रगतिशील जिले के रूप में स्थित है।

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Raushan Singh
Raushan Singhhttp://thesamastipur.in
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