विषयसूची
History of MuzaffarNagar:
प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ: (Famous Important Events)
स्वतंत्रता के बाद: (After Independent )
पर्यटन और दर्शनीय स्थल (Tourist place)
उद्योग धंधे और कृषि (Industries and Agriculture)
कृषि:
जनसांख्ययिकी (Demography )
History of MuzaffarNagar: जनसंख्या
जनसंख्या घनत्व:
लिंग अनुपात:
साक्षरता दर:
History of MuzaffarNagar: पंचायती राज व्यवस्था
विशेष:
History of MuzaffarNagar
History of MuzaffarNagar: मुज़फ्फरनगर जिले का इतिहास समृद्ध और प्राचीन है। इसे 1633 ईस्वी में मुग़ल शासक शाहजहाँ के शासनकाल में बसाया गया था। जिले का नाम मुज़फ्फर ख़ान के नाम पर रखा गया, जो शाहजहाँ के एक अमीर और क्षेत्र के प्रशासक थे। दरअसल कहां जाता है कि शाहजहां के शासन काल में सरदार सैयद मुजफ्फर खान को सरवत यानि जागीर के रूप में शाहजहां ने दी थी जिसके नाम पर मुजफ्फरनगर नाम पड़ा और उसके बाद 1693 ईस्वी में सरदार सैयद मुजफ्फर खान ने मुजफ्फरनगर जिले की स्थापना की और उसके बाद उसके बेटे मुनव्वर खान ने इसको संभाला| यह क्षेत्र पहले ‘सरणा’ के नाम से भी जाना जाता था। हालाकि आधुनिक युग में यह उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला है।
प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ: (Famous Important Events)
- मुग़ल काल: (Mugal Period)
मुज़फ्फरनगर मुग़ल साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र था। शाहजहाँ के शासनकाल में इसे एक प्रमुख नगर के रूप में विकसित किया गया। - ब्रिटिश शासन: (British Rule)
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में मुज़फ्फरनगर के लोगों ने सक्रिय भाग लिया। इस क्षेत्र के किसानों और स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया था। - किसान आंदोलन:
मुज़फ्फरनगर भारत के किसान आंदोलनों का केंद्र भी रहा है। 20वीं शताब्दी में यहाँ के किसानों ने ज़मींदारी प्रथा के खिलाफ आंदोलन किया था। - सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान:- मुज़फ्फरनगर ने भारतीय राजनीति और सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहाँ के जाट समुदाय का भारतीय राजनीति और किसान आंदोलनों में प्रमुख भूमिका रही है।
स्वतंत्रता के बाद: (After Independent )
स्वतंत्रता के बाद मुज़फ्फरनगर एक प्रमुख औद्योगिक और कृषि केंद्र के रूप में विकसित हुआ। यहाँ चीनी मिलें, गुड़ उत्पादन और अन्य कृषि आधारित उद्योग फले-फूले।
पर्यटन और दर्शनीय स्थल (Tourist place)
मुज़फ्फरनगर जिले के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल इस प्रकार हैं:
- शुक्रताल – यह धार्मिक स्थल गंगा नदी के किनारे स्थित है। बताया जाता है कि यहां पर ऋषि शुकदेव ने राजा परीक्षित को यहां मौजूद बरगद पेड़ के नीचे श्रीमद्मद्भागवत गीता का उपदेश दिया था और तभी से यह जगह शुक्रतीर्थ या शुक्रताल के नाम से प्रसिद्ध हो गया है।

- महादेव मंदिर – भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है।

- सिद्धपीठ देवी मंदिर – यह मंदिर मां भगवती को समर्पित है और यहां नवरात्रि के समय विशेष पूजा होती है।
- गणेशधाम मंदिर – भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है।
- काली नदी – यह नदी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जानी जाती है।
- हनुमान धाम – यह हनुमान जी का मंदिर है, जहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है। इसकी स्थापना 1987 ईस्वी में हुई थी जहां हनुमान जी की 72 फीट ऊंची प्रतिमा लगी हुई है|
- भोरो मंदिर – यह एक प्राचीन मंदिर है, जहां श्रद्धालु विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को आते हैं।

मुज़फ्फरनगर जिले का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाता है।
उद्योग धंधे और कृषि (Industries and Agriculture)
मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक जिला है, जिसे “भारत का चीनी बाउल” भी कहा जाता है।
प्रमुख उद्योग:
- चीनी उद्योग: जिले में आठ चीनी मिलें संचालित हैं, जैसे टिकोला चीनी मिल्स, आईपीएल शुगर मिल, तितावी शुगर मिल, त्रिवेणी शुगर मिल, मंसूरपुर शुगर मिल, उत्तम शुगर मिल, बजाज शुगर मिल और डिस्टिलरीज। ये मिलें जनपद और आसपास के क्षेत्रों से गन्ना प्राप्त करती हैं।
- गुड़ उत्पादन: मुजफ्फरनगर का गुड़ बाजार एशिया में सबसे बड़ा है, जहाँ प्रतिदिन 80,000 गुड़ के कट्टों का उत्पादन होता है। जिले में 300 से अधिक कोल्हू हैं, जो गुड़ उत्पादन में संलग्न हैं।
- इस्पात उद्योग: यहाँ कई इस्पात संयंत्र हैं, जैसे राणा स्टील्स, बरनाला स्टील्स, यू.पी. स्टील्स, सिद्धबली स्टील्स आदि।
- कागज उद्योग: जिले में कागज उत्पादन भी एक महत्वपूर्ण उद्योग है।
कृषि:
- गन्ना खेती: मुजफ्फरनगर की लगभग 70% आबादी कृषि में संलग्न है, जिसमें गन्ना प्रमुख फसल है। 2021-22 में जिले में गन्ने की खेती का क्षेत्र बढ़कर 1,68,015 हेक्टेयर हो गया।
- अन्य फसलें: गन्ने के अलावा, गेहूं, चावल, मक्का, चना और अरहर जैसी फसलों की भी खेती होती है।
- स्ट्रॉबेरी की खेती: हाल के वर्षों में, कुछ किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है, जिससे उन्हें अधिक मुनाफे की उम्मीद है।
इन उद्योगों और कृषि गतिविधियों के माध्यम से मुजफ्फरनगर जिले की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनी हुई है।
जनसांख्ययिकी (Demography )
मुज़फ्फरनगर जिले की जनसांख्यिकी संबंधी जानकारी निम्नलिखित है:
History of MuzaffarNagar: जनसंख्या
- 2011 की जनगणना के अनुसार, मुज़फ्फरनगर जिले की कुल जनसंख्या 4,143,512 थी, जिसमें पुरुषों की संख्या 2,193,434 और महिलाओं की संख्या 1,950,078 थी।
- जबकि 2023 में अनुमानित जनसंख्या 4,800,673 थी, जिसमें पुरुषों की संख्या 2,541,313 और महिलाओं की संख्या 2,259,360 थी।
जनसंख्या घनत्व:
- 2011 में, जिले का जनसंख्या घनत्व 1,034 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।
लिंग अनुपात:
- 2011 में, जिले का लिंग अनुपात 889 महिलाएं प्रति 1,000 पुरुष था।
साक्षरता दर:
- 2011 में, जिले की साक्षरता दर 69.12% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता 78.44% और महिला साक्षरता 58.69% थी।
History of MuzaffarNagar: पंचायती राज व्यवस्था
- मुज़फ्फरनगर जिले में कुल 9 विकास खंड (ब्लॉक) हैं: सदर, बुढ़ाना, बघरा, शाहपुर, पुरकाजी, चरथावल, मोरना, जानसठ, और खतौली।
- जिले में कुल 704 गाँव और 498 ग्राम पंचायतें हैं।
पंचायत चुनाव 2021 में, जिले के 43 जिला पंचायत सदस्य पदों में से 14 पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे। इसके अलावा, 9 ब्लॉकों में प्रधान पद के लिए भी महिलाओं के लिए आरक्षण लागू किया गया था, जिससे कुल 137 महिलाएं ग्राम प्रधान पद की कमान संभाल रही हैं।
विशेष:
History of MuzaffarNagar: मुज़फ्फरनगर का ऐतिहासिक महत्व आज भी इसकी सांस्कृतिक विरासत और किसान आंदोलनों की विरासत के रूप में देखा जाता है।
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