विषयसूची
नालंदा जिले का इतिहास
प्राचीन इतिहास
नालंदा विश्वविद्यालय (5वीं-12वीं शताब्दी)
मध्यकालीन इतिहास
ब्रिटिश काल और आधुनिक इतिहास
आधुनिक नालंदा और पुनरुत्थान
नालंदा के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल
विशेष:
नालंदा जिले का इतिहास
History of Nalanda: नालंदा बिहार का एक महत्वपूर्ण जिला है और प्राचीन मगध साम्राज्य से इसकी कहानी जुड़ी हुई है खासकर यह नालंदा विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है। नालंदा जिला बिहार राज्य के मध्य में स्थित है और इसका ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही शिक्षा बौद्ध, जैन धर्म और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है।
प्राचीन इतिहास
- नालंदा का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मिलता है। इसे महावीर और बुद्ध के समय से एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।
- बौद्ध धर्म के विकास में नालंदा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भगवान बुद्ध कई बार इस क्षेत्र में आए थे और यहाँ उपदेश दिए थे।
- महावीर स्वामी, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे, का भी नालंदा से गहरा संबंध था। कि भगवान बुद्ध ने सम्राट अशोक को यही उपदेश दिए थे।
नालंदा विश्वविद्यालय (5वीं-12वीं शताब्दी)
- नालंदा की सबसे बड़ी पहचान इसका प्राचीन विश्वविद्यालय है, जिसे गुप्त वंश के सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने स्थापित किया था।
- यह विश्वविद्यालय तत्कालीन विश्व का सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान था, जहाँ भारत ही नहीं, बल्कि चीन, कोरिया, जापान, तिब्बत, मंगोलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फ्रांस और तुर्की से भी विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते थे।
- ह्वेनसांग और इत्सिंग जैसे चीनी यात्रियों ने इस विश्वविद्यालय का विस्तृत विवरण दिया है।
- नालंदा विश्वविद्यालय में धर्म, दर्शन, खगोलशास्त्र, गणित, चिकित्सा, वास्तुकला, व्याकरण आदि विषय पढ़ाए जाते थे। आज बीएफ विश्वविद्यालय अपने प्राचीन इतिहास को दोहराता हुआ खड़ा है जिसे देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
History of Nalanda : मध्यकालीन इतिहास
- बताया जाता है कि 1193 ईस्वी में बख्तियार खिलजी नामक तुर्क आक्रमणकारी ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया। इतिहासकारों का कहना है कि नालंदा विश्वविद्यालय के कारण इस्लाम धर्म में अवरुद्ध उत्पन्न हो रहा था इसलिए बख्तियार खिलजी ने इसे जला दिया था। यह आक्रमण इतना विनाशकारी था कि कहा जाता है कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में रखी हजारों पांडुलिपियाँ महीनों तक जलती रहीं।
ब्रिटिश काल और आधुनिक इतिहास
- ब्रिटिश शासन के दौरान नालंदा को पुरातात्विक महत्व के रूप में देखा गया और यहाँ खुदाई की गई।
- 19वीं-20वीं शताब्दी में कई भारतीय और विदेशी विद्वानों ने नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों का अध्ययन किया और इसे पुनर्जीवित करने की योजना बनाई।
आधुनिक नालंदा और पुनरुत्थान
- 2010 में भारत सरकार ने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल की।
- 2014 में नए नालंदा विश्वविद्यालय का शुभारंभ हुआ, जो वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
नालंदा के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल
नालंदा, बिहार का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध जिला है, जो अपने प्राचीन विश्वविद्यालय और बौद्ध मठों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं:

- नालंदा विश्वविद्यालय- नालंदा विश्वविद्यालय नालंदा का सबसे प्रमुख जगहों में से है और यह पांचवीं शताब्दी में स्थापित किया गया था और भारतीय शिक्षा का मिसाइल काम करता है।
- राजगीर- राजगीर नालंदा से 15 किलोमीटर दूर स्थित है और ऐतिहासिक जगह है जहां पर्यटक अक्षर आते हैं घूमने के लिए| यहां का वेणु वन शब्द पानी गुफाएं और विश्व शांति स्तूप देखने लायक है और यह एक टूरिस्ट प्लेस बन गया है।
- नालंदा पुरातत्व संग्रहालय- यह सबसे पुराना संग्रहालय और यहां नालंदा के आसपास जो भी प्राचीन मूर्तियां सिक्के और पुरातात्विक चीज हैं उनको संजोग कर रखा गया है।
- व्हेनसांग मेमोरियल हॉल- यह हाल चीनी यात्री ह्वेन सांग की स्मृति में बनाया गया है जो नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने आए थे और यहां के शिक्षक प्रणाली और स्थान का विवरण उन्होंने अपनी किताब में भी किया है।
विशेष:
History of Nalanda: न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। यहाँ की प्राचीन शिक्षा प्रणाली और सांस्कृतिक धरोहर पूरे विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। यहां सालों भर गाना जाना लगा रहता है और आज के युग में यह एक तरह का पिकनिक स्पॉट बन चुका है और चुकी राजगीर को विगत कुछ वर्षों में डेवलप किया गया है तो नालंदा जिला प्रमुख पर्यटक जिलों में गिना जाने लगा है।
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