विषयसूची
प्रतापगढ़ जिले का सम्पूर्ण इतिहास
दर्शनीय स्थल: (Famous Religious and Tourist Place)
प्रमुख धार्मिक स्थल (Religious place )
प्रमुख पर्यटन स्थल (Famous Tourist Place)
उद्योग धंधे और कृषि: (Industries and Agriculture)
कृषि 🙁 Agricultre)
उद्योग: (Industry)
जनसंख्या संबंधित महत्वपूर्ण बातें:
विशेष:
History of Pratapgarh: प्रतापगढ़ जिले का सम्पूर्ण इतिहास
History of Pratapgarh: उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है, जिसकी स्थापना वर्ष 1858 में हुई थी। इसका मुख्यालय बेल्हा प्रतापगढ़ में स्थित है, जो सई नदी के किनारे स्थित प्राचीन बेल्हा देवी मंदिर के कारण प्रसिद्ध है।
स्थानीय शासक राजा प्रताप बहादुर सिंह (कार्यकाल 1628-1682) ने रामपुर के निकट अरोर नामक स्थान पर एक किले का निर्माण कराया, जिसे प्रतापगढ़ (प्रताप का किला) कहा गया। धीरे-धीरे इस किले के आसपास का क्षेत्र भी प्रतापगढ़ के नाम से जाना जाने लगा। 1858 में जिले के पुनर्गठन के समय इसका मुख्यालय बेल्हा में स्थापित किया गया, जो अब बेल्हा प्रतापगढ़ के नाम से विख्यात है।
प्रतापगढ़ का ऐतिहासिक महत्व रामायण और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान उन्होंने सई नदी के तट से होकर यात्रा की थी, जिसका उल्लेख रामचरितमानस में मिलता है। इसके अलावा, जिले के पंडवा, अजगरा, मौदहा जैसे प्राचीन स्थलों को महाभारत के पांडवों से जोड़ा जाता है।
प्रतापगढ़ जिले की पट्टी विधानसभा से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पदयात्रा के माध्यम से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। यह जिला रीतिकाल के श्रेष्ठ कवि आचार्य भिखारीदास और राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही, यह धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी की जन्मभूमि और महात्मा बुद्ध की तपोस्थली भी है।
भौगोलिक दृष्टि
भौगोलिक दृष्टि से, प्रतापगढ़ जिला 25°34′ और 26°11′ उत्तरी अक्षांश एवं 81°19′ और 82°27′ पूर्व देशांतर रेखाओं के बीच स्थित है। इसके दक्षिण-पश्चिम में गंगा नदी लगभग 50 किलोमीटर का घेरा बनाती है, जो इसे प्रयागराज और कौशाम्बी से अलग करती है। सई, बकुलाही, लोनी और सरकनी नदियाँ जिले में बहती हैं, जबकि उत्तर-पूर्व में गोमती नदी लगभग 6 किलोमीटर का घेरा बनाते हुए प्रवाहित होती है।
प्रतापगढ़ की राजनीति में तीन प्रमुख राजघरानों का उल्लेखनीय योगदान रहा है, विश्वसेन राजपूत राय बजरंग बहादुर सिंह का परिवार, सोमवंशी राजपूत राजा प्रताप बहादुर सिंह का परिवार, और राजा दिनेश सिंह का परिवार। इनमें से राय बजरंग बहादुर सिंह हिमाचल प्रदेश के गवर्नर और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जबकि राजा दिनेश सिंह भारत के वाणिज्य और विदेश मंत्री जैसे पदों पर सुशोभित रहे।
दर्शनीय स्थल: (Famous Tourist Place)
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थल इस प्रकार हैं:
प्रमुख धार्मिक स्थल (Religious place)
- बेलखरनाथ धाम – भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर हैँ।

- कुंडा का हनुमान मंदिर – हनुमान जी का एक प्रसिद्ध मंदिर, जहां भक्तों की बड़ी संख्या आती है।
- राम जानकी मंदिर – भगवान राम और माता सीता को समर्पित मंदिर।
- काली माता मंदिर – माता काली का भव्य मंदिर, जो भक्तों के बीच लोकप्रिय है।
प्रमुख पर्यटन स्थल (Famous Tourist Place)
- भगवा कुंड – एक ऐतिहासिक जलकुंड, जहां धार्मिक आयोजन होते हैं।
- संग्रामगढ़ किला – ऐतिहासिक किला, जो जिले के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है।
- मनिकपुर किला – एक और प्राचीन किला, जो ऐतिहासिक महत्व रखता है।

उद्योग धंधे और कृषि: (Industries and Agriculture)
प्रतापगढ़ जिला कृषि और उद्योग दोनों में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
कृषि ( Agricultre)
प्रतापगढ़ में आंवला का प्रमुख उत्पादन होता है, जो जिले की पहचान है। इसके अलावा, अमरूद और आम का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है जिले की भूमि उपजाऊ है, जिससे कृषि आधारित उद्योगों के विकास की प्रबल संभावनाएँ हैं।
उद्योग (Industry)
जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ आंवला से मुरब्बा, अचार, जैली, लड्डू, पाउडर, जूस आदि उत्पाद बनाती हैं वर्तमान में, प्रतापगढ़ में कुल 6,510 पंजीकृत उद्योग इकाइयाँ हैं, जिनमें लघु एवं मध्यम उद्योग शामिल हैं। इन उद्योगों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। जिले में 569 हेक्टेयर वन क्षेत्र है, जहाँ सागौन, शीशम एवं जामुन के पेड़ पाए जाते हैं।
इन उद्योगों और कृषि गतिविधियों से प्रतापगढ़ जिले की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को रोजगार और विकास के अवसर मिल रहे हैं।
जनसंख्या संबंधित महत्वपूर्ण बातें
- कुल जनसंख्या – 32,09,141
- पुरुष जनसंख्या- 16,06, 085
- महिला जनसंख्या- 16,03,56
- जनसंख्या घनत्व – 863
- लिंगानुपात – 1000 पुरुष पद 998 महिला
- साक्षरता दर – 70%
History of Pratapgarh: विशेष
प्रतापगढ़ में धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के साथ प्राकृतिक सुंदरता का भी अनुभव किया जा सकता है। प्रतापगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत इसे उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में स्थान देती है।
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