विषयसूची
पूर्णिया जिले का सम्पूर्ण इतिहास
प्राचीन इतिहास
मध्यकालीन इतिहास
ब्रिटिश काल
आधुनिक इतिहास
संस्कृति और विरासत
पूर्णिया के प्रमुख दर्शनीय स्थल
पूर्णिया जिले के प्रमुख कॉलेज और शिक्षण संस्थान
विशेष
History of Purnia: जिले का सम्पूर्ण इतिहास
पूर्णिया जिला भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण जिला माना जाता है. क्योंकि इसका प्राचीन, मुगल और आधुनिक युग से जुड़ा रहा है। दर्शन पूर्णिया जिला ‘पूर्ण’ और ‘अरण्य’ शब्द से बना है. जहाँ अरण्य मतलब जंगल होता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिया में बहुत पहले जंगल हुआ करता था, और पूर्ण के पेड़ और पत्ते इन जंगलों में मिलते थे जिसके चलते इस जिला का नाम धीरे-धीरे पूर्णिया पड़ गया। पूर्णिया जिला बिहार के सबसे पुराने और ऐतिहासिक जिलों में से एक है। इसका इतिहास प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
प्राचीन इतिहास
पूर्णिया का उल्लेख महाभारत काल में भी मिलता है। कहा जाता है कि यह क्षेत्र अंग, विदेह और पुंड्र देश का हिस्सा था यहाँ का क्षेत्र पहले पुंड्रवर्धन या पुंड्र देश के नाम से जाना जाता था, जो एक प्रमुख राज्य था। गुप्त काल और पाल वंश के दौरान यह क्षेत्र समृद्ध व्यापार और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ।
History of Purni: मध्यकालीन इतिहास
13वीं शताब्दी में यह क्षेत्र दिल्ली सल्तनत और बंगाल के शासकों के अधीन आ गया। मुगलों के शासन में यह प्रशासनिक और सैनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया। अकबर के समय यह “सूबा बिहार” के अधीन था। बताया जाता है कि मुगल काल में पूर्णिया एक निर्जन सैया प्रांत हुआ करता था। 18वीं शताब्दी में, जब मुगलों की शक्ति कमजोर हुई, तब पूर्णिया के नवाबों का उदय हुआ। फकीरुद्दीन खान पहला नवाब बना, और उसने क्षेत्र में सत्ता मजबूत की। बंगाल के नवाब सरफराज खान के शासनकाल में पूर्णिया का नवाब सैयद अहमद खान ने स्वतंत्र रूप से शासन करने की कोशिश की।
ब्रिटिश काल
History of Purnia: 1765 में, बंगाल के नवाब मीर कासिम की हार के बाद पूर्णिया ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियंत्रण में आ गया। अंग्रेजों ने पूर्णिया को जिले के रूप में बसाना शुरू किया. 10 फरवरी 1770 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने पूर्णिया जिला घोषित किया।
1770 के दशक में यहाँ भीषण अकाल पड़ा, जिससे जनसंख्या पर भारी असर पड़ा। 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश प्रशासन ने यहाँ कृषि, व्यापार और परिवहन सुविधाओं को विकसित किया। 1857 की क्रांति के समय भी यहाँ विद्रोह की चिंगारी भड़की थी, हालांकि ब्रिटिश प्रशासन ने इसे कुचल दिया।
आधुनिक इतिहास

1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद पूर्णिया बिहार राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला बना। 1972 में पूर्णिया जिले को विभाजित करके कटिहार, अररिया और किशनगंज जिलों का गठन किया गया। पूर्णिया अब एक तरह का प्रमंडल हो गया जिसके अंतर्गत तीन जिले आते हैं।
आज पूर्णिया कृषि, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। पूर्णिया में सौरा नदी बहती है और पूर्णिया सौरा नदी के पश्चिमी किनारे पर बसा पूर्णिया में मक्का, पटसन, मखाना, खीरा और जापानी आम की खेती होती है।
संस्कृति और विरासत
पूर्णिया का प्रमुख त्योहार छठ पूजा, दुर्गा पूजा और ईद है। यहाँ मैथिली, अंगिका, हिंदी और उर्दू भाषाएँ बोली जाती हैं। यह क्षेत्र अपनी समृद्ध लोक संस्कृति, गीत-संगीत और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है।
पूर्णिया के प्रमुख दर्शनीय स्थल
- पूरन देवी और काली मंदिर- यह पूर्णिया जिले से 5 किलोमीटर दूर स्थित है और पूर्णिया जिले के सिटी में स्थित है. दोनों मंदिर 1 किलोमीटर की दूरी पर आसपास है और बहुत ही प्राचीन है. माता काली मंदिर के पास नदी सौरा नदी बहती है।
- जलालगढ़ का किला- यह भी प्राचीनतम और प्रसिद्ध किला है और वास्तुकला को दर्शाता है लोग दूर-दूर से इस किलो को देखने आते हैं।
- काझा कोठी- यह पूर्णिया से करीब 10- 15 किलोमीटर दूर स्थित और एक बेहद पिकनिक स्पॉट है, जहां उसे साल पहले वोटिंग भी होती थी और लोग पिकनिक मनाने यहां आते हैं।
- रानी सती मंदिर- यह भी पूर्णिया से कुछ दूर बिलोरी में स्थित है और बहुत ही पुराना मंदिर है जहां माता सती की पूजा होती है।

पूर्णिया जिले के प्रमुख कॉलेज और शिक्षण संस्थान
- पूर्णिया महिला कॉलेज – यह कॉलेज काफी पुराना है और सिर्फ महिलाओं के लिए हैं।
- पूर्णिया कॉलेज – क्या कॉलेज भी काफी पुराना कॉलेज है और यह कॉलेज छात्र और छात्राएं दोनों के लिए है।
- पूर्णिया इंजीनियरिंग कॉलेज – यह कॉलेज नया खुला है और यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है जहां छात्र अपना भविष्य संवारते हैं।
- पॉलिटेक्निक कॉलेज पूर्णिया – पॉलिटेक्निक की पढ़ाई होती है।
- केंद्रीय विद्यालय वायु सेवा संस्थान – यहां वायु सेनाके अंतर्गत आता है।
- पूर्णिया मेडिकल कॉलेज – हाल ही में मेडिकल कॉलेज खुला है जो पूर्णिया के लाइन बाजार जगह पर और सदर अस्पताल के पास स्थित है।
History of Purnia: विशेष
History of Purnia: पूर्णिया का ऐतिहासिक महत्व इसे बिहार के प्रमुख जिलों में से एक बनाता है। आज पूर्णिया जिला एक कमिश्नरी के रूप में स्थापित है और आज के इतिहास के बारे में पूछे तो यह बेहद ही प्रगतिशील जिला बन चुका है और इस जिले में विकास वर्षों में काफी उन्नति की है।
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