विषयसूची
History of Saharanpur
प्राचीन काल
मध्यकाल
ब्रिटिश काल
स्वतंत्रता के बाद
महत्वपूर्ण स्थल और सांस्कृतिक धरोहर
शाकुंभरी देवी मंदिर
देवबंद
नानौता का ऐतिहासिक गुरुद्वारा
कंपनी गार्डन
माता बाला सुंदरी देवी मंदिर
लकड़ी की कारीगरी के बाजार
रामपुर मनिहारन
प्रमुख उद्योग धंधे कृषि और नदी
प्रमुख नदियाँ
कुछ महत्वपूर्ण बातें
कॉलेज,विश्वविद्यालय, और शिक्षण संस्थान
History of Saharanpur
सहारनपुर जिला उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। इसका इतिहास समृद्ध और प्राचीन है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक घटनाएँ जुड़ी हुई हैं। सहारनपुर का नाम सन 1340 इसवी में सहारनपुर शहर के संस्थापक संत साह हरन चिस्ती के नाम पर पड़ा है।
प्राचीन काल
सहारनपुर का क्षेत्र प्राचीन काल में कुरु साम्राज्य का हिस्सा था। महाभारत काल में इसे कुरुक्षेत्र के अंतर्गत माना जाता था।इस क्षेत्र पर गुप्त साम्राज्य और मौर्य साम्राज्य का प्रभाव रहा है।
मध्यकाल
7वीं शताब्दी में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने सहारनपुर क्षेत्र का उल्लेख किया है। 13वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर दिल्ली सल्तनत का अधिकार हो गया। मुगल काल में सहारनपुर एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र बना। 1340 ई. में तुगलक वंश के शासक फिरोज शाह तुगलक ने यहां एक किला और कई मस्जिदों का निर्माण करवाया। मुगल शासक अकबर के शासनकाल में इसे एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया।
History of Saharanpur (ब्रिटिश काल)
1803 ई. में सहारनपुर पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। अंग्रेजों ने यहां वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) की स्थापना की। सहारनपुर में रेलवे और सड़क मार्गों का विस्तार ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सहारनपुर के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।
स्वतंत्रता के बाद
1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद सहारनपुर उत्तर प्रदेश का हिस्सा बना। आज सहारनपुर लकड़ी के हस्तशिल्प, कागज उद्योग और फर्नीचर निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। सहारनपुर का देवबंद क्षेत्र दारुल उलूम (इस्लामी शिक्षा का प्रमुख केंद्र) के लिए प्रसिद्ध है।
History of Saharanpur (महत्वपूर्ण स्थल और सांस्कृतिक धरोहर)
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के प्रमुख दर्शनीय और पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं:
शाकुंभरी देवी मंदिर
यह मंदिर माँ शाकुंभरी देवी को समर्पित है और सहारनपुर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। नवरात्रि के समय यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
देवबंद

यहाँ स्थित दारुल उलूम देवबंद इस्लामिक शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। यह मदरसा भारत के सबसे प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में से एक है।
नानौता का ऐतिहासिक गुरुद्वारा

यह गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र स्थल है। इसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थल माना जाता है।
कंपनी गार्डन

यह एक सुंदर और हरा-भरा बाग है। स्थानीय लोग यहाँ सुबह और शाम की सैर के लिए आते हैं।
माता बाला सुंदरी देवी मंदिर

यह मंदिर सहारनपुर के बलाजी क्षेत्र में स्थित है। यहाँ हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान मेला लगता है।
लकड़ी की कारीगरी के बाजार
सहारनपुर अपनी लकड़ी की नक्काशी और फर्नीचर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के कारीगरों द्वारा बनाए गए फर्नीचर और सजावटी वस्तुएँ विश्वभर में मशहूर हैं।
रामपुर मनिहारन
यहाँ पर एक पुराना किला स्थित है, जो ऐतिहासिक महत्व रखता है। बाबा लाल दास का मंदिर – यह मंदिर सहारनपुर के प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है।
प्रमुख उद्योग धंधे कृषि और नदी
सहारनपुर जिले के प्रमुख उद्योग, कृषि और नदियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी निम्नलिखित है:
प्रमुख उद्योग
- लकड़ी उद्योग – सहारनपुर का लकड़ी पर की गई नक्काशी का काम पूरे भारत और विदेशों में प्रसिद्ध है।
- हस्तशिल्प उद्योग – लकड़ी पर की गई कलाकारी और फर्नीचर निर्माण यहां का प्रमुख व्यवसाय है।
- कागज उद्योग – सहारनपुर में कई कागज मिलें स्थापित हैं, जो विभिन्न प्रकार के कागज उत्पादन करती हैं।
- चीनी मिलें – यहां कई चीनी मिलें भी कार्यरत हैं, जो गन्ने से चीनी उत्पादन करती हैं।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग – फल और सब्जियों के प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग भी यहां प्रमुख हैं।
कृषि
- सहारनपुर की भूमि उपजाऊ है और यहां पर विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं:
- मुख्य फसलें: गन्ना, गेहूं, चावल, ज्वार और मक्का है |
- बागवानी: आम, लीची और अमरूद के बाग यहां बहुतायत में पाए जाते हैं।
- सब्जियां: आलू, टमाटर, गोभी और मिर्च की खेती प्रचलित है।
History of Saharanpur (प्रमुख नदियाँ)
- यमुना नदी – सहारनपुर जिले की प्रमुख नदी है, जो जिले की सिंचाई और जलापूर्ति का मुख्य स्रोत है।
- हिंदन नदी – यह नदी भी जिले के दक्षिणी भाग में बहती है और सिंचाई के लिए उपयोगी है।
- सोम्ब नदी – यह एक छोटी नदी है, जो सहायक नदी के रूप में कार्य करती है।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
Population
- 2011 की जनगणना: 34,66,382
- 2021 का अनुमान: लगभग 41,00,000 से अधिक
जनसंख्या वृद्धि दर (2001-2011): 19.59%
जनसंख्या घनत्व (2011): 940 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
लिंगानुपात
- 2011 की जनगणना: 890 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष
- 2021 का अनुमान: 898 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष
साक्षरता दर (2011): 70.49%
कॉलेज,विश्वविद्यालय, और शिक्षण संस्थान
सहारनपुर जिले में कई प्रमुख कॉलेज, विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान स्थित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं–
इन संस्थानों के माध्यम से सहारनपुर जिले में उच्च शिक्षा के विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक हैं। सहारनपुर का इतिहास विभिन्न संस्कृतियों, शासकों और धार्मिक प्रभावों का संगम है, जिसने इसे एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में समृद्ध बनाया है।
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