इसे खोले
सहरसा ज़िले का इतिहास
प्राचीन काल
मध्यकालीन इतिहास
ब्रिटिश शासन काल
स्वतंत्रता के बाद
सहरसा का भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व
विकास और चुनौतियाँ
सहरसा जिले में घूमने लायक जगहें:
सहरसा जिले का जनसंख्या घनत्व
विशेष:
History of Saharsa: सहरसा जिला बिहार राज्य के कोसी क्षेत्र में स्थित है और इसका एक समृद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। सरस को मिथिला का हिस्सा भी माना गया है और ऐसी मान्यता है कि यह राजा जनक से जुड़ा है। यह जिला अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कोसी नदी के प्रभाव, और ऐतिहासिक घटनाओं के कारण जाना जाता है।
History of Saharsa
प्राचीन काल
सहरसा का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र महाजनपद काल में अंग महाजनपद का हिस्सा था। महाभारत और अन्य प्राचीन ग्रंथों में भी इस क्षेत्र का उल्लेख मिलता है। यह माना जाता है कि भगवान बुद्ध के समय में यह क्षेत्र बौद्ध धर्म के प्रभाव में था, और यहाँ बौद्ध मठों का अस्तित्व था।
मध्यकालीन इतिहास
मध्यकाल में यह क्षेत्र विभिन्न राजवंशों के शासन में रहा, जिनमें पाल वंश, सेन वंश और बाद में दिल्ली सल्तनत एवं मुगलों का प्रभाव देखने को मिला। इस दौरान यहाँ इस्लामिक शासन का विस्तार हुआ, लेकिन स्थानीय हिंदू प्रभाव भी बना रहा।
ब्रिटिश शासन काल
अंग्रेजों के शासन के दौरान सहरसा क्षेत्र भागलपुर जिले का हिस्सा था। 1864 में इसे “सहरसा अनुमंडल” का दर्जा मिला। 20वीं शताब्दी के दौरान, यह इलाका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा।
History of Saharsa: स्वतंत्रता के बाद
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, यह क्षेत्र बिहार राज्य का हिस्सा बना। 1 अप्रैल 1954 को इसे पूर्ण रूप से एक स्वतंत्र जिला घोषित कर दिया गया। इसके बाद, यहाँ के विकास के लिए कई योजनाएँ बनाई गईं, लेकिन कोसी नदी की बाढ़ की समस्या के कारण इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 1 अप्रैल 1954 को सहरसा को जिला घोषित किया गया इसके पहले शहर समंकर और भागलपुर का हिस्सा था। वही 30 अप्रैल 1981 और 1991 में सहरसा से मधेपुरा और सुपौल का गठन किया गया। आज के दौर में सहरसा अनुमंडल के अंतर्गत सहरसा सदर और सिमरी बख्तियारपुर आते हैं।
सहरसा का भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व
- भौगोलिक स्थिति: सहरसा बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और कोसी नदी के किनारे बसा हुआ है, कोसी नदी को “बिहार का शोक” भी कहा जाता है, क्योंकि यह यहाँ अक्सर बाढ़ लाती है।
- संस्कृति और परंपरा: यहाँ की संस्कृति मिथिला और कोसी क्षेत्र की मिश्रित परंपराओं को दर्शाती है। यहाँ मिथिलांचल की भाषा, मैथिली, व्यापक रूप से बोली जाती है।
- त्योहार: छठ पूजा, दुर्गा पूजा, होली, दीपावली, ईद आदि त्योहार यहाँ धूमधाम से मनाए जाते हैं।
- शिक्षा और प्रसिद्ध लोग: सहरसा ने कई विद्वान और समाजसेवी दिए हैं। यहाँ के प्रसिद्ध व्यक्तियों में फणीश्वरनाथ रेणु, जिन्होंने “मैला आँचल” उपन्यास लिखा, शामिल हैं।
विकास और चुनौतियाँ
सहरसा जिले में विकास की काफी संभावनाएँ हैं, लेकिन बाढ़ की समस्या और आधारभूत संरचना की कमी बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। हाल के वर्षों में, शिक्षा, परिवहन, और कृषि के क्षेत्र में कई विकास कार्य हुए हैं। यहां मक्का और मखाना का विशेष उत्पादन होता है इसके साथ ही धान गेहूं मक्का और तिल का उत्पादन होता है।
Places to visit in Saharsa District

- उग्रतारा स्थान: यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो माता उग्रतारा को समर्पित है।
- बीरपुर (कोसी परियोजना स्थल): यह क्षेत्र कोसी परियोजना के कारण प्रसिद्ध है।
- कंदाहा सूर्य मंदिर: यह एक ऐतिहासिक सूर्य मंदिर है जो धार्मिक महत्व रखता है। यहां गर्भ गृह में सात घोड़े वाले सूर्य भगवान की ग्रेनाइट प्रतिमा स्थापित है।
- संत बाबा कारू खीरहरी मंदिर: यह मंदिर संत बाबा का रूप के नाम से प्रसिद्ध है जो अपने शिव भक्ति और गायों के प्रति श्रद्धा के लिए जाने जाते हैं लोग यहां दूध चढ़ाने आते हैं।
- चंडिका स्थान: यह स्थान माता को अर्पित है और माना जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के कुछ दिन यहां बि ताए थे तुम्हें इस मंदिर में नवरात्रों के टाइम पर भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है।
- रक्त काली मंदिर मत्स्यगंधा: क्या मंदिर शहर के बीच में स्थित है आकार में स्थापित या मंदिर और यहां के दीवारों पर उगेरे गए चित्र देखते ही बनते हैं।
सहरसा जिले का जनसंख्या घनत्व
सहरसा जिला, बिहार राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, सहरसा की कुल जनसंख्या 1,900,661 थी, जिसमें 997,174 पुरुष और 903,487 महिलाएँ शामिल थीं।
- लिंगानुपात: प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 906 थी, जो राज्य के औसत लिंगानुपात 918 से थोड़ा कम है।
- साक्षरता दर: जिले की कुल साक्षरता दर 53.20% थी। पुरुष साक्षरता दर 63.56% और महिला साक्षरता दर 41.68% थी, जो राज्य में सबसे कम महिला साक्षरता दरों में से एक है।
- धार्मिक जनसंख्या: जिले में हिंदू धर्मावलंबियों की संख्या 1,629,254 (85.72%) और मुस्लिम समुदाय की संख्या 266,620 (14.03%) थी।
History of Saharsa: विशेष
सहरसा जिला बिहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है इसके साथ ही अपने सम्मिलित परंपरा प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। हालांकि इस शहर को कोसी की बाढ़ के चपेट से बचना जरूरी है।
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