विषयसूची
स्वतंत्र शिवहर जिले की संपूर्ण इतिहास:
प्राचीन काल:
मध्यकाल:
ब्रिटिश काल:
स्वतंत्र भारत में:
Sheohar जिले की चौहद्दी एवं कृषि की विशेषताएँ
शिवहर जिले की संस्कृति और परंपरा:
Sheoharशिवहर जिले की प्रमुख पर्यटन स्थल:
शिवहर जिले की कुल जनसंख्या और घनत्व
Sheohar की प्रमुख शिक्षण संस्थान और कॉलेज:
शिवहर जिले के प्रमुख कृषि, खानपान, और प्रमुख उद्योग
History of Sheohar: शिवहर जिले का इतिहास बिहार में बहुत ही पुराना है और शिवहर ज़िला बिहार राज्य के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। यह बिहार के सबसे छोटे और नवगठित ज़िलों में से एक है। बिहार के यह शिवहर जिला पहले सीतामढ़ी जिले के अंतर्गत आता था और उसके बाद शिवहर ज़िला 1994 में सीतामढ़ी ज़िले से अलग होकर एक स्वतंत्र ज़िला बना। इसका प्रशासनिक मुख्यालय शिवहर शहर में स्थित है। वैसे शिवहर जिले को बाढ़ और नक्सलवाद का क्षेत्र भी कहा जाता है।
स्वतंत्र शिवहर जिले की संपूर्ण इतिहास:
- प्राचीन काल:
- शिवहर क्षेत्र मिथिला और कोसी क्षेत्र का हिस्सा रहा है। यह ऐतिहासिक रूप से विदेह राज्य के अंतर्गत आता था, जिसका उल्लेख रामायण में मिलता है।
- यह इलाका महाकवि विद्यापति और मैथिली संस्कृति से भी प्रभावित रहा है।
- मध्यकाल:
- मुगल काल और उसके बाद यह क्षेत्र कई स्थानीय जमींदारों और रियासतों के अधीन रहा।
- यहाँ पर राजाओं और स्थानीय शासकों का प्रभुत्व रहा, जिनका प्रभाव ब्रिटिश काल तक देखने को मिला।
- ब्रिटिश काल:
- अंग्रेजों के शासन में यह क्षेत्र बंगाल प्रेसिडेंसी और बाद में बिहार प्रांत का हिस्सा बना।
- स्वतंत्रता संग्राम में भी यहाँ के लोगों ने योगदान दिया।
- स्वतंत्र भारत में:
- शिवहर जिला पहले बिहार के तिरहुत प्रमंडल का हिस्सा था
- 1972 में इसे सीतामढ़ी ज़िले का एक अनुमंडल बनाया गया।
- 26 अप्रैल 1994 को इसे अलग करके एक स्वतंत्र ज़िला घोषित कर दिया गया।
- यहां बाढ़ आने का प्रमुख कारण बूढी गंडक और बागमती नदी को माना जाता है
- शिवहर जिले को यूपीएससी क्रेकर्स जिला भी कहा जाता है क्योंकि यहां का करौली गांव यूपीएससी क्रेकर्स के लिए मशहूर है।
Sheohar जिले की चौहद्दी एवं कृषि की विशेषताएँ
उत्तर में नेपाल, पूर्व में सीतामढ़ी, दक्षिण में मुजफ्फरपुर और पश्चिम में पूर्वी चंपारण से घिरा है। यहाँ की प्रमुख नदियाँ बागमती और लालबकिया हैं। कृषि इस क्षेत्र की मुख्य आजीविका है, और यहाँ धान, गन्ना, मक्का और गेहूँ की खेती होती है।
शिवहर जिले की संस्कृति और परंपरा
- यहाँ पर मैथिली और भोजपुरी भाषा बोली जाती है।
- प्रमुख त्योहारों में छठ पूजा, दुर्गा पूजा, दीपावली और होली शामिल हैं।
- शिवहर का नाम भगवान शिव से जुड़ा हुआ माना जाता है और यहाँ शिव मंदिरों का विशेष महत्व है।
History of Sheohar जिले की प्रमुख पर्यटन स्थल

बिहार के शिवहर जिले में कई महत्वपूर्ण धार्मिक और दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं:
1. राजदेवी मंदिर, दोस्तियां: शिवहर जिले के दोस्तियां गांव में स्थित यह मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है। यहां मिट्टी की तीन पिंडियां स्वयं प्रकट हुई थीं, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना और मेले का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
2. वाल्मिकेश्वर नाथ महादेव मंदिर, सुरसंड: सुरसंड में स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर महर्षि वाल्मीकि द्वारा स्थापित माना जाता है। यहां का शिवलिंग भूमि से 21 फीट नीचे स्थापित है, जो इसे विशेष बनाता है। सावन और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
3. चोरौत मंदिर, सुरसंड: सुरसंड के बुढ़वा पोखैर के पास स्थित यह मंदिर स्थानीय और आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। यह मंदिर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है और श्रद्धालुओं का आस्था स्थल है।
4. सिमरिया घाट: बेगूसराय जिले में स्थित सिमरिया घाट गंगा स्नान के लिए प्रसिद्ध है। यहां कार्तिक महीने में कल्पवास मेला आयोजित होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह स्थान राजा जनक की तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता है।
5: डुमरी कट साड़ी शिव मंदिर : यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भक्त यहां बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं|
History of Sheohar: इन स्थलों के अलावा, शिवहर जिले और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं जो आपकी यात्रा को समृद्ध बना सकते हैं।
शिवहर जिले की कुल जनसंख्या और घनत्व
जनसंख्या: 2011 की जनगणना के अनुसार, शिवहर जिले की कुल जनसंख्या 6,56,246 थी, जिसमें पुरुषों की संख्या 3,46,673 और महिलाओं की संख्या 3,09,573 थी।
जनसंख्या घनत्व: शिवहर जिले का जनसंख्या घनत्व 1,882 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था, जो इसे भारत में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले जिलों में से एक बनाता है।
लिंग अनुपात: प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 893 थी, जो राज्य और राष्ट्रीय औसत से कम है।
साक्षरता दर: कुल साक्षरता दर 53.78% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 61.31% और महिला साक्षरता दर 45.26% थी।
शिवहर की प्रमुख शिक्षण संस्थान और कॉलेज
Sheohar के प्रमुख कॉलेज में राजकीय डिप्लोमा कॉलेज, आर आर कॉलेज,राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय प्रमुख है। उपरोक्त संस्थानों के अलावा, शिवहर में विश्वविद्यालय की कोई प्रमुख शाखा नहीं है। हालांकि, यहां के महाविद्यालय बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से संबद्ध हैं।
Sheohar जिले के प्रमुख कृषि, खानपान, और प्रमुख उद्योग
शिवहर जिला, बिहार का एक प्रमुख कृषि-प्रधान क्षेत्र है, जहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। यहां की उपजाऊ भूमि में धान, गेहूं, मक्का, दालें, तिलहन, गन्ना, तंबाकू, आम, लीची, अमरूद, केला, टमाटर, बैंगन, आलू, मटर, गोभी, कद्दू आदि फसलें और सब्जियां उगाई जाती हैं।
खान-पान की बात करें तो शिवहर जिले में बिहार की समृद्ध पाक-संस्कृति की झलक मिलती है। यहां के लोग चावल, दाल, रोटी, सब्जियां और अचार जैसे पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं। इसके अलावा, लिट्टी-चोखा, चूड़ा भूंजा, मखाना और मछली के व्यंजन भी लोकप्रिय हैं।
उद्योग के क्षेत्र में, शिवहर जिला हाल के वर्षों में प्रगति कर रहा है। बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा जिला उद्योग केंद्रों की रैंकिंग में शिवहर जिला प्रथम स्थान पर रहा है, जो यहां के उद्योगिक विकास को दर्शाता है। पारंपरिक रूप से, यहां चीनी उद्योग, चावल और तेल मिल जैसे उद्योग मौजूद हैं।
हाल के दिनों में, शिवहर में आधुनिक खानपान सेवाओं का विस्तार हुआ है। उदाहरण के लिए, ‘राजा की रसोई’ रेस्टोरेंट जिले का शान बन गया है, जहां लजीज व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है।
कुल मिलाकर, शिवहर जिला कृषि, पारंपरिक खानपान और उभरते उद्योगों का संगम है, जो इसकी समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत को प्रतिबिंबित करता है।
विशेष:
इस लेख में हमने जानकारी ली History of Sheohar इस तरह बिहार के जिलों में से एक जिला शिवहर शांत, कृषि प्रधान और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ज़िला है, जो धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ रहा है।
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