विषयसूची
सीतामढ़ी का इतिहास
प्राचीन काल
मध्यकालीन इतिहास
ब्रिटिश काल और स्वतंत्रता संग्राम
भौगोलिक स्थिति
आर्थिक स्थिति
पर्यटन और त्यौहार
प्रमुख दर्शनीय स्थल
सीतामढ़ी जिले का आधुनिक विवरण
सीतामढ़ी जिले के प्रमुख उद्योग
History of Sitamarhi: बिहार का सीतामढ़ी जिला बिहार के उत्तर भाग में स्थित है और धार्मिक दृष्टि कोण से बहुत महत्वपूर्ण है और माता सीता की जन्म भूमि मना जाता है। सीतामढ़ी 11 दिसंबर 1972 को मुजफ्फरपुर जिले से अलग होकर एक नया जिला बना। बताया जाता है कि 1934 में आए भयंकर भूकंप के बाद सीतामढ़ी शहर के तबाह होने के बाद तिरहुत मंडल से इसका मुख्यालय डुमरा स्थानांतरित किया गया। सीतामढ़ी बिहार राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला है, जिसे माता सीता की जन्मस्थली होने के साथ साथ इसका ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत विशेष है।
History of Sitamarhi
प्राचीन काल
सीतामढ़ी का नाम वाल्मीकि रामायण और अन्य प्राचीन ग्रंथों में आता है। यह स्थान भगवान राम की पत्नी देवी सीता के जन्म से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि राजा जनक ने मिथिला में हल जोतते समय धरती से सीता को प्राप्त किया था। यही कारण है कि इस स्थान को पौराणिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मध्यकालीन इतिहास
मध्यकाल में यह क्षेत्र मिथिला राज्य के अंतर्गत आता था, जो विद्या और संस्कृति का केंद्र रहा है। यह इलाका पाल और सेन वंश के शासन के अधीन भी रहा। बाद में यह क्षेत्र दिल्ली सल्तनत, मुगलों और अंग्रेजों के अधीन आ गया।
ब्रिटिश काल और स्वतंत्रता संग्राम
History of Sitamarhi: ब्रिटिश शासनकाल में सीतामढ़ी दरभंगा जिले का हिस्सा था, लेकिन 11 दिसंबर 1972 को इसे अलग जिला बना दिया गया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह क्षेत्र भी संघर्ष का साक्षी बना और यहाँ के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और भारत की स्वतंत्रता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
History of Sitamarhi: भौगोलिक स्थिति
सीतामढ़ी उत्तर बिहार में स्थित है और नेपाल की सीमा से सटा हुआ है। इसकी सीमा पश्चिम चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी और दरभंगा जिलों से लगती है। यह कोसी और बागमती नदियों से प्रभावित क्षेत्र है, जिससे यहाँ बाढ़ की समस्या बनी रहती है।
आर्थिक स्थिति
- कृषि – यहाँ के लोग मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं। धान, गेंहू, मक्का और गन्ने की खेती प्रमुख रूप से की जाती है।
- व्यापार और उद्योग – सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण नेपाल के साथ व्यापार यहाँ की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पर्यटन और त्यौहार
- रामनवमी और सीता नवमी का यहाँ विशेष महत्व है।
- दुर्गा पूजा और छठ पूजा भी धूमधाम से मनाई जाती हैं।
- हर साल पुनौरा धाम और हलेश्वर स्थान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
- सीतामढ़ी में हर साल अगहन पुर्णिमा को मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं।
Tourist place in Sitamarhi
- जानकी स्थान मंदिर: सीतामढ़ी नगर के पश्चिमी छोर पर स्थित यह मंदिर देवी सीता को समर्पित है। यहां भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ स्थापित हैं। यह स्थल हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है।
- पुनौरा धाम: सीतामढ़ी से लगभग 5 किलोमीटर पश्चिम में स्थित यह स्थान पुंडरिक ऋषि के आश्रम के रूप में जाना जाता है। यहां एक पवित्र कुंड और मंदिर है, जहां देवी सीता का जन्म हुआ माना जाता है।
- हलेश्वर स्थान: सीतामढ़ी से 3 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित यह स्थान राजा जनक द्वारा स्थापित भगवान शिव के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा और मेले का आयोजन होता है।
- पंथ-पाकड़: सीतामढ़ी से 8 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित यह स्थान एक प्राचीन पाकड़ वृक्ष के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि देवी सीता को अयोध्या ले जाते समय इस वृक्ष के नीचे विश्राम कराया गया था।
- बगही मठ: सीतामढ़ी से 7 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित इस मठ में 108 कमरे हैं। यह स्थान पूजा और यज्ञ के लिए प्रसिद्ध है।
- देवकुली (ढेकुली): सीतामढ़ी से 19 किलोमीटर पश्चिम में स्थित इस स्थान पर एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि यहां पांडवों की पत्नी द्रौपदी का जन्म हुआ था। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां मेला लगता है।
- गोरौल शरीफ: सीतामढ़ी से 26 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान मुस्लिम समुदाय के लिए पवित्र माना जाता है। यह बिहारशरीफ और फुलवारीशरीफ के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थान है।
- जनकपुर: सीतामढ़ी से लगभग 35 किलोमीटर पूर्व में स्थित यह स्थान नेपाल में है। यह राजा जनक की नगरी है, जहां भगवान राम और देवी सीता का विवाह संपन्न हुआ था। यहां का राम-जानकी मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
सीतामढ़ी जिले का आधुनिक विवरण
2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार के सीतामढ़ी जिले की जनसंख्या 34,23,574 थी, जिसमें पुरुषों की संख्या 18,03,252 और महिलाओं की संख्या 16,20,322 थी। जिले का क्षेत्रफल 2,294 वर्ग किलोमीटर है, जिससे जनसंख्या घनत्व 1,492 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर होता है। वहीँ लिंगानुपात 899 महिलाएं प्रति 1,000 पुरुष है। जबकि साक्षरता दर 52.05% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 60.64% और महिला साक्षरता दर 42.41% है।
सीतामढ़ी जिले के प्रमुख उद्योग
कृषि,मत्स्य पालन और हस्त शिल्प, मधुबनी पेंटिंग इत्यादि.. सीतामढ़ी जिला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत समृद्ध है, जहां अनेक पवित्र स्थल और मंदिर स्थित हैं। यहां की यात्रा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है और भारतीय संस्कृति की गहरी झलक दिखाती है। बिहार के लोगों की इस जिले से धार्मिक आस्था है क्योंकि यह माता सीता की जन्म भूमि रही है और भगवान राम के आगमन इस भूमि पर हुआ है।
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