विषयसूची
सीवान जिले का सम्पूर्ण इतिहास (History of siwan)
प्राचीन इतिहास:
मध्यकालीन इतिहास:
औपनिवेशिक और आधुनिक इतिहास:
सीवान जिले का प्रसिद्ध भोजन:
siwan में प्रमुख कृषि गतिविधियाँ:
सीवान जिले में चल रहे उद्योग:
सिवान जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल:
सिवान जिले के प्रमुख कॉलेज विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान:
विशेष:
History of siwan: सिवान जिला, बिहार के पश्चिमोत्तर हिस्से में स्थित है और इसका ऐतिहासिक महत्व अत्यंत समृद्ध है। यह क्षेत्र विभिन्न कालखंडों में महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक घटनाओं का साक्षी रहा है। सिवान जिला मुख्य रूप से भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के जन्म स्थान होने के कारण विशेष रूप से जाना जाता है।
सीवान जिले का सम्पूर्ण इतिहास (History of Siwan)
प्राचीन इतिहास
History of siwan: सीवान जिले का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। दरौली प्रखंड के चकरी गांव में ऐसी मान्यताएँ हैं कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहाँ शरण ली थी। इसके अलावा, दरौली क्षेत्र में स्थित “दोन” गांव को महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य का निवास स्थान माना जाता है। यहाँ एक किले के अवशेष भी पाए जाते हैं, जो इस कथा को समर्थन देते हैं।
मध्यकालीन इतिहास
8वीं शताब्दी में सिवान बनारस साम्राज्य का हिस्सा था। 13वीं सदी में मुस्लिम शासकों का आगमन हुआ, और 15वीं सदी में सिकंदर लोदी ने इस क्षेत्र को अपने राज्य में शामिल किया।
औपनिवेशिक और आधुनिक इतिहास
17वीं सदी के अंत में, डच और फिर अंग्रेजों ने सिवान में अपने कदम जमाए। 1765 में बक्सर की लड़ाई के बाद, यह क्षेत्र बंगाल प्रेसिडेंसी का हिस्सा बन गया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, सिवान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहाँ के निवासियों ने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भाग लिया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जो भारत के पहले राष्ट्रपति बने, सिवान जिले के जीरादेई गाँव से थे। उनके नेतृत्व में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। 1972 ईस्वी में सिवान एक स्वतंत्र जिला बना 1973 इसी में गोपालगंज से सिवान जिले को अलग किया गया। ऐसी मान्यता है कि सिवान का नाम अली बख्श था जो की सिवान के जमींदार वंश का ही एक शख्स था और उसी के नाम पर अलीगंज सावन पहले सिवान का नाम था जो बाद में धीरे-धीरे सिवान के रूप में बदला।
सिवान जिला, बिहार की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान उसके विशिष्ट खानपान, कृषि, और उद्योगों में निहित है।
सीवान जिले का प्रसिद्ध भोजन
सिवान के व्यंजनों में लिट्टी-चोखा, कढ़ी-बड़ी, सत्तू का पराठा, चना घुघनी, और मालपुआ प्रमुख हैं। लिट्टी-चोखा विशेष रूप से लोकप्रिय है, जिसमें गेहूं के आटे की लिट्टी के अंदर मसालेदार सत्तू भरा जाता है, और इसे बैंगन, टमाटर, या आलू के चोखे के साथ परोसा जाता है। इसके अलावा, सिवान में हांडी मटन भी एक प्रसिद्ध व्यंजन है, जिसे पारंपरिक तरीके से मिट्टी की हांडी में पकाया जाता है।
Siwan में प्रमुख कृषि गतिविधियाँ
सिवान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। यहां की प्रमुख फसलें गेहूं, मक्का, और गन्ना हैं। इसके अलावा, दलहन और तिलहन फसलों की भी खेती की जाती है, हालांकि किसानों को इनसे उचित आमदनी नहीं मिल पाती है। सरकार द्वारा कृषि यंत्रीकरण योजना 2024-25 के तहत सिवान के 1,757 किसानों को लाभान्वित करने की मंजूरी दी गई है, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है।
सीवान जिले में चल रहे उद्योग
सिवान में पहले तीन चीनी मिलें और एक सूत फैक्ट्री थीं, जो समय के साथ बंद हो गईं। हालांकि, हाल ही में बियाडा (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण) ने 167 एकड़ भूमि का चयन किया है, जहां नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे। इससे सिवान फिर से एक औद्योगिक हब बनने की दिशा में अग्रसर है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। History of siwan: सिवान जिला, बिहार का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। यहाँ कई महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल हैं जो ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक महत्व रखते हैं।
सिवान जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल
- महेंद्र नाथ मंदिर (महेंद्रा नाथ शिव मंदिर)–

यह सिवान जिले का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जो गोरखपुर-सिवान मार्ग पर महेंद्र नाथ गाँव में स्थित है। यहाँ विशेष रूप से सावन और महाशिवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
- अशर्फी भवन – यह एक ऐतिहासिक स्थल है जो सिवान के दारौंदा प्रखंड में स्थित है। इसे स्वतंत्रता संग्राम से भी जोड़ा जाता है।
- भगवान परशुराम स्थान (गुठनी) – यह स्थल भगवान परशुराम से जुड़ा हुआ माना जाता है और यहाँ पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
- पंचमुखी हनुमान मंदिर

यह सिवान जिले में हनुमान जी का एक प्रमुख मंदिर है, जहाँ श्रद्धालु आशीर्वाद लेने आते हैं।
- दुर्गा मंदिर (सिवान शहर)– सिवान शहर में स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और नवरात्रि के समय यहाँ विशेष आयोजन होता है।
- रामराज्य स्थान (दरौली)– यह स्थल भगवान राम से जुड़ा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि यह स्थल रामायण काल से संबंधित है और यहाँ धार्मिक महत्व की कई कहानियाँ प्रचलित हैं।
- रघुनाथपुर किला– यह किला ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसे प्राचीन काल के शासकों से जोड़ा जाता है।
- जगदीशपुर मंदिर– यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जहाँ विभिन्न त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के दौरान बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
- जिरादेई (डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म स्थान)– भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म यहीं हुआ था। यह स्थान ऐतिहासिक और शैक्षणिक रूप से महत्वपूर्ण है।
- मदरसा दीवान साहब– यह एक ऐतिहासिक मदरसा है, जो सिवान जिले में स्थित है और इसका गहरा धार्मिक महत्व है।
सिवान जिले के प्रमुख कॉलेज विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान:
siwan जिले में कई प्रमुख कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं। यहाँ कुछ प्रमुख संस्थानों की सूची दी गई है:
- जेड० एच० युनानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल: यह संस्थान नवलपुर, सिवान में स्थित है और यूनानी चिकित्सा में स्नातक पाठ्यक्रम (BUMS) प्रदान करता है।
- जेड० ए० इस्लामिया पी० जी० कॉलेज: यह कॉलेज जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा से संबद्ध है और कला, वाणिज्य एवं विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
- राजा सिंह कॉलेज: यह भी जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा से संबद्ध है और विभिन्न विषयों में स्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।
- हरिराम कॉलेज, मैरवा: यह कॉलेज कला संकाय में विभिन्न विषयों के स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है और जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा से संबद्ध है।
- दयानंद आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल: यह संस्थान आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्नातक पाठ्यक्रम (BAMS) प्रदान करता है और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा से संबद्ध है।
- नारायण कॉलेज, सिवान: यह कॉलेज कला, वाणिज्य और विज्ञान में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है और जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा से संबद्ध है।
- विद्या भवन महिला महाविद्यालय: यह महाविद्यालय विशेष रूप से महिला शिक्षा के लिए समर्पित है और विभिन्न विषयों में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
- केंद्रीय विद्यालय सिवान: यह विद्यालय दरोगा प्रसाद राय डिग्री कॉलेज परिसर में स्थित है और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध है।
- जवाहर नवोदय विद्यालय: यह विद्यालय कर्मली हाता में स्थित है और नवोदय विद्यालय समिति के तहत संचालित होता है, जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध है।
इन संस्थानों के माध्यम से सिवान जिले में उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं, जो छात्रों की शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विशेष:
History of siwan: सिवान की सांस्कृतिक विरासत, समृद्ध कृषि, और पुनर्जीवित होते उद्योग इसे बिहार के महत्वपूर्ण जिलों में से एक बनाते हैं। सिवान का इतिहास विविध और समृद्ध है, जो इसे बिहार के महत्वपूर्ण जिलों में से एक बनाता है।
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