विषयसूची
प्राचीन काल
मध्यकाल
आधुनिक काल
जनसंख्या घनत्व और लिंगानुपात
साक्षरता दर
पंचायतें
सांस्कृतिक महत्व
प्रमुख पर्यटन स्थल और दर्शनीय स्थल
कृषि
प्रमुख उद्योग
औद्योगिक विकास की पहल
खान- पान
History of Sultanpur: उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक जिला, अपनी समृद्ध विरासत और गौरवशाली अतीत के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र पुरातात्विक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
History of Sultanpur: प्राचीन काल
ऐतिहासिक रूप से, सुलतानपुर का प्राचीन नाम कुशभवनपुर था, जिसका संबंध भगवान राम के पुत्र कुश से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि कुश ने इस नगर की स्थापना की थी। यह क्षेत्र महर्षि वाल्मीकि, दुर्वासा और वशिष्ठ जैसे ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है। गोमती नदी के किनारे स्थित यह भूमि कुश-काश के लिए प्राचीन काल से प्रसिद्ध रही है, जिससे बनने वाले बंध की प्रसिद्ध मंडी यहीं पर थी।
मध्यकाल
ऐसी मान्यता है कि मुगल काल में कुछ भानपुर नाम बदलकर इसका नाम सुल्तानपुर किया गया |12वीं शताब्दी में मोहम्मद गोरी के आक्रमण से पहले, यह क्षेत्र भर राजाओं के अधिपत्य में था, जिनके जनपद में इसौली, कुलपुर और दादर जैसे राज्य शामिल थे। इनके किलों के भग्नावशेष आज भी जिले में विद्यमान हैं, जो तत्कालीन गौरव और समृद्धि को दर्शाते हैं। मुगल काल में, खिलजी वंश के शासकों ने यहां के राजा नंद कुंवर भर को हराकर वैश्य राजपूतों को ‘सुल्तान’ की उपाधि दी, जिससे इस नगर का नाम सुलतानपुर पड़ा।
History of Sultanpur: आधुनिक काल
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सुलतानपुर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नौ जून 1857 को, आजादी के मतवालों ने अंग्रेजों को परास्त कर जिले को डेढ़ साल के लिए स्वतंत्र करा लिया था। इस दौरान, स्थानीय रियासतों और आम जनता ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बहादुरी से मुकाबला किया।
सुल्तानपुर जिले के बारे में निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध है-
जनसंख्या घनत्व और लिंगानुपात
सुल्तानपुर जिले की कुल जनसंख्या लगभग 24,31,490 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 12,26,650 और महिलाओं की संख्या 12,04,840 है। जिले का लिंगानुपात 983 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष है। जनसंख्या घनत्व 856 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
साक्षरता दर
सुल्तानपुर जिले की औसत साक्षरता दर 69.27% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 80.19% और महिला साक्षरता दर 58.28% है।
पंचायतें
जिले में कुल 986 ग्राम पंचायतें हैं, जो 1,727 गांवों का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रशासनिक सुविधा के लिए, सुल्तानपुर को 5 तहसीलों (सुल्तानपुर सदर, जयसिंहपुर, लंभुआ, कादीपुर और बल्दीराय) और 14 विकासखंडों (दुबेपुर, भदैया, धनपतगंज, कूरेभार, कुड़वार, जयसिंहपुर, प्रतापपुर कमैचा, बल्दीराय, कादीपुर, दोस्तपुर, अखंड नगर, करौंदी कला, मोतिगरपुर और लंभुआ) में विभाजित किया गया है।
History of Sultanpur: सांस्कृतिक महत्व
सुलतानपुर शिक्षा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में भी अग्रणी रहा है। यहां मलिक मोहम्मद जायसी, गुरुदत्त सिंह, पंडित रामनरेश त्रिपाठी, त्रिलोचन और मजरूह सुल्तानपुरी जैसे महान साहित्यकारों की कर्मभूमि रही है।
प्रमुख पर्यटन स्थल और दर्शनीय स्थल
सुल्तानपुर जिला, उत्तर प्रदेश, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कई पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं –
- विक्टोरिया मंजिल,
- चिमनलाल पार्क

- परिजात वृक्ष
- बिजेथुआ महावीर मंदिर

- श्री गौरी शंकर धाम

- धोपाप मंदिर

कृषि
सुल्तानपुर जिले का कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 2,65,899 हेक्टेयर है, जिसमें से 1,78,386 हेक्टेयर भूमि पर खेती की जाती है, जो कुल भूमि का लगभग 67% है। यहाँ की मिट्टी मुख्यतः गंगा, गोमती और उनकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी है, जिसमें बलुई, दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी शामिल हैं। इस प्रकार की मिट्टी विभिन्न फसलों की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
प्रमुख उद्योग
- मूंज शिल्प (बाँध उद्योग): गोमती नदी के तराई क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली बहुवर्षीय घास, जिसे स्थानीय भाषा में सरपत कहते हैं, से गृह उपयोगी एवं सजावटी सामानों का निर्माण किया जाता है। यह कुटीर उद्योग प्रदूषण मुक्त है और स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- आयरन एवं स्टील फैब्रिकेशन: यह उद्योग सुल्तानपुर नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से फैला हुआ है। इसके अंतर्गत रोलिंग शटर, मकानों और प्रतिष्ठानों के गेट, खिड़कियाँ-दरवाजे, रेलिंग आदि का निर्माण किया जाता है। स्टील के बढ़ते उपयोग के कारण यह उद्योग निरंतर विस्तार कर रहा है।
- अन्य लघु उद्योग: सुल्तानपुर में कृषि आधारित उद्योग, सूती वस्त्र, रेडीमेड गारमेंट्स एवं कढ़ाई, लकड़ी आधारित फर्नीचर, कागज उद्योग, चमड़ा आधारित उद्योग, रसायन उद्योग, धातु आधारित उद्योग, इंजीनियरिंग इकाइयाँ, विद्युत मशीनरी एवं यातायात उपकरण, मरम्मत एवं सर्विसिंग, हस्तशिल्प, कंप्यूटर आधारित उद्योग आदि भी सक्रिय हैं।
औद्योगिक विकास की पहल
हाल के वर्षों में, सुल्तानपुर जिले में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। लगभग 907 करोड़ रुपये के निवेश से 135 उद्योगों की स्थापना की योजना बनाई गई है, जिससे लगभग 6,757 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इन प्रयासों से सुल्तानपुर जिले में औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में संतुलित विकास की संभावना है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा।
खान- पान
सुल्तानपुर जिला उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां की खानपान संस्कृति विविधता और स्वाद से भरपूर है। यहां के कुछ प्रमुख व्यंजन और खाद्य प्रतिष्ठान निम्नलिखित हैं: इतने फैजाबादी चार्ट बड़ी चोखा जंक्शन फैजाबाद समोसे और इडली डोसा काफी प्रसिद्ध है इसके अलावें सुल्तानपुर में कई अन्य रेस्टोरेंट्स भी हैं जो विभिन्न प्रकार के व्यंजन पेश करते हैं, जैसे कि रघुकुल रेस्टोरेंट, एनएच 56 मोटल एंड रेस्टोरेंट, सबा बिरयानी कॉर्नर, अवंतिका रेस्टोरेंट, बारबेक्यू, एनआरसी पिज्जा, सुल्तान चाइनीज चिकन, मुस्कान ढाबा, और मोती महल डीलक्स तंदूरी ट्रेल। ये सभी स्थान स्थानीय और बाहरी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं और सुल्तानपुर की समृद्ध खानपान संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस प्रकार, सुलतानपुर का इतिहास उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, वीरता और शिक्षा के प्रति समर्पण को प्रतिबिंबित करता है, जो इसे उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में शामिल करता है।
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